गंगा की पहरेदारी करेगी 'गंगा वाहिनी'
गंगा को निर्मल बनाने के अभियान से आम लोगों को जोड़ने के लिए सरकार 'गंगा वाहिनी' का गठन करेगी। 'गंगा वाहिनी' में आम लोगों के साथ-साथ रिटायर फौजी से लेकर मछुआरे, नाविक और आइटी पेशेवर शामिल होंगे। समर्पित स्वयंसेवकों [वॉलेंटियर्स] की यह फौज गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए गांवों और शहरों में स्वच्छता केलिए जागरुकता अभियान और वृक्षारोपण जैसे सामुदायिक कार्यक्रम चलाएगी। 'गंगा वाहिनी' सेना की 'इको टास्क फोर्स' की तर्ज पर काम करेगी। 'इक
नई दिल्ली [हरिकिशन शर्मा]। गंगा को निर्मल बनाने के अभियान से आम लोगों को जोड़ने के लिए सरकार 'गंगा वाहिनी' का गठन करेगी। 'गंगा वाहिनी' में आम लोगों के साथ-साथ रिटायर फौजी से लेकर मछुआरे, नाविक और आइटी पेशेवर शामिल होंगे। समर्पित स्वयंसेवकों [वॉलेंटियर्स] की यह फौज गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए गांवों और शहरों में स्वच्छता केलिए जागरुकता अभियान और वृक्षारोपण जैसे सामुदायिक कार्यक्रम चलाएगी। 'गंगा वाहिनी' सेना की 'इको टास्क फोर्स' की तर्ज पर काम करेगी। 'इको टास्क फोर्स' ने पर्यावरण संरक्षण में मिसाल कायम की है।
सूत्रों के मुताबिक 'नमामि गंगे' कार्यक्रम का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सरकार 'गंगा वाहिनी' का गठन करने पर विचार कर रही है। इसका गठन उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा तट की 1,649 ग्राम पंचायतों, 118 कस्बों और शहरों में किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि 'गंगा वाहिनी' सेना की इको टास्कफोर्स की तरह होगी। इसमें पूर्व सैनिकों को भी शामिल किया जाएगा। शुरुआत के तौर गंगा के किनारे व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जाएगा। इस संबंध में देहरादून स्थित भारतीय वन संस्थान से विचार-विमर्श किया जा रहा है।
पूर्व सैनिकों को गंगा को निर्मल बनाने के अभियान से जोड़ने के संबंध में पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती से मुलाकात भी की थी। इस पहल में नाविक और मछुआरों सहित उन समुदायों को भी जोड़ा जाएगा जिनकी आजीविका गंगा पर निर्भर है। ऐसे समुदायों की स्थिति पर सरकार अध्ययन भी करा रही है।
भारती पहले ही कह चुकी हैं कि गंगा को निर्मल बनाने के कार्यक्रम को सरकार जन आन्दोलन का रूप देगी। ऐसे में गंगा वाहिनी का गठन इस दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने गंगा की सफाई की नमामि गंगे कार्यक्रम केलिए बजट में 2,037 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा पिछले हफ्ते ही कैबिनेट ने गंगा कोष को मंजूरी दी है जिसके माध्यम से देशवासियों के साथ-साथ अनिवासी भारतीयों से गंगा की सफाई के लिए धनराशि जुटाई जाएगी।