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मोदी पर हमले की साजिश नाकाम

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व राजस्थान पुलिस ने बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए इंडियन मुजाहिदीन के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके निशाने पर मुख्य रूप से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी थे।

By Edited By: Published: Sun, 23 Mar 2014 11:25 AM (IST)Updated: Sun, 23 Mar 2014 10:49 PM (IST)
मोदी पर हमले की साजिश नाकाम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व राजस्थान पुलिस ने बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए इंडियन मुजाहिदीन के चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके निशाने पर मुख्य रूप से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी थे। आतंकियों ने वाराणसी में उनके नामांकन के दौरान हमले की व्यूहरचना की थी, इसके लिए वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय की रेकी भी की गई थी। मोदी के अलावा आइएम के निशाने पर कांग्रेस व भाजपा के कई अन्य दिग्गज नेता भी थे। गिरफ्तार आतंकियों में आइएम सरगना यासीन भटकल के सहयोगी वकास सहित तीन अन्य शामिल हैं। इनमें से दो आतंकी इंजीनियरिंग के छात्र हैं। दिल्ली के जामिया नगर इलाके से भी कुछ इंजीनियरिंग छात्रों को हिरासत में लिया गया है।

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दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि गत 22 मार्च की सुबह पाकिस्तानी नागरिक जियाउर रहमान उर्फ वकास को अजमेर स्टेशन से दबोचा गया। वह साथियों से मिलने मुंबई से ट्रेन द्वारा यहां पहुंचा था। आइएम सरगना यासीन भटकल के साथी वकास ने खुलासा किया कि राजस्थान में आतंकी संगठन का नया मॉड्यूल बना है। वह लोकसभा चुनाव में आतंकी हमलों की साजिश और इसके लिए तैयार विस्फोटकों का जायजा लेने यहां आया था। वकास की निशानदेही पर रविवार तड़के जयपुर से महरूफ एवं वकार को जबकि साकिब को जोधपुर से पकड़ा गया। आतंकियों ने राजस्थान मॉड्यूल की मदद से जनसभाओं के दौरान धमाकों की सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। उनकी योजना वाराणसी अथवा दिल्ली में मोदी की सभा में विस्फोट करने की थी। इसके अलावा जयपुर और अजमेर दरगाह क्षेत्र में भी विस्फोट की फिराक में थे। आतंकियों के पास से 25 किलो विस्फोटक, 400 डेटोनेटर, 10 घड़ियां, साढ़े पांच सौ ग्राम बॉल बियरिंग, दो तैयार सर्किट, सौ ग्राम छोटी कील, 10 सर्किट प्लेट, बैट्री, मैग्नीशियम सल्फेट, सोडियम क्लोराइड, ट्रांजिट सर्किट साहित दो लैपटॉप, पेन ड्राइव व जेहादी दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव यादव के अनुसार, वर्ष 2010 में नेपाल के रास्ते भारत आए वकास की दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मुंबई व हैदराबाद बम धमाकों में तलाश थी। पाकिस्तान में आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके वकास को बम बनाने में महारथ हासिल है। उस पर दस लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। वकास पटना में नरेंद्र मोदी की रैली में विस्फोट और बोधगया धमाकों के मास्टरमाइंड तहसीन अख्तर उर्फ मोनू के साथ बड़ी आतंकी वारदात की तैयारी में था। तहसीन अभी फरार है।

मकान मालिक को नहीं हुआ शक

जयपुर से गिरफ्तार दो इंजीनियरिंग के छात्र जिस मकान में रहते थे, उसके मालिक सेवानिवृत्त शिक्षक अहमद ने बताया कि युवकों की गतिविधियां देख उन्हें कभी शक नहीं हुआ। वकार और महरूफ सुबह घर से निकल रात 10 बजे वापस आते थे। वे सुबह शाम नमाज भी पढ़ते थे।

उच्च शिक्षा प्राप्त हैं सभी आतंकी

1. जिया उर रहमान उर्फ वकास

उम्र- 25 वर्ष

पता- मुस्तफाबाद, जिला टोबा टेक सिंह, पाकिस्तान।

शिक्षा-फैसलाबाद स्थित कॉलेज से फूड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा।

2. मुहम्मद महरूफ

उम्र- 21 वर्ष

पता- जयपुर

शिक्षा- जयपुर में जगतपुरा स्थित विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग का छात्र।

3. मुहम्मद वकार अजहर उर्फ हनीफ

उम्र-21 वर्ष

पता- जयपुर

शिक्षा- जयपुर में सीतापुरा स्थित ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग का छात्र।

4. साकिब अंसारी उर्फ खालिद

उम्र-25

पता- जोधपुर

शिक्षा- कंप्यूटर कोर्स

पेशा- कंप्यूटर डीटीपी व डिजाइन प्रिंटिंग का काम।

आइएम के निशाने पर आइपीएल मैच भी था

मुंबई। राजस्थान में गिरफ्तार आइएम आतंकी वकास ने खुलासा किया कि वर्ष 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया आइपीएल का मैच भी उनके निशाने पर था। इसकी रेकी के लिए वकास ने मुंबई इंडियंस व पुणे वरियर के बीच खेला गया मैच भी देखा था। लेकिन मुंबई पुलिस की सख्त सुरक्षा व्यवस्था के चलते वे कामयाब नहीं हो सके। हालांकि हमले को आगे बढ़ाते हुए 13 जुलाई को मुंबई में तीन सिलसिलेवार धमाके किए जिसमें 21 लोगों की मौत हो गई जबकि 141 लोग घायल हुए थे।

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मोदी के जीवन को कोई खतरा नहीं है। उनकी सुरक्षा का स्तर बढ़ाया गया है। पटना रैली के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है। -सुशील कुमार शिंदे, केंद्रीय गृहमंत्री------------------------

जमात-उद-दावा ने वकास को दिया प्रशिक्षण

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान में जमात उद दावा गुट की आड़ में कुख्यात आतंकी हाफिज सईद युवाओं को आतंकी गुट लश्कर ए तैयबा से जोड़ रहा है। उन्हें शिविरों में आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण देकर तबाही मचाने भारत भेजा जा रहा है। जियाउर रहमान उर्फ वकास की गिरफ्तारी के बाद ये साफ हुआ है कि उसे जमात-उद-दावा ने ही आतंकी प्रशिक्षण दिया था। गौरतलब है कि मुंबई हमले में जमात-उद-दावा का नाम सामने आया था, लेकिन हाफिज सईद ने इससे इन्कार किया था।

स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव यादव के अनुसार पाकिस्तानी नागरिक वकास बम बनाने में माहिर है। स्कूल के समय से ही वह जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भाषण सुनने लगा था। पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर से फूड टेक्नोलॉजी का डिप्लोमा पूरा करने के बाद वर्ष 2009 में वह जमात-उद-दावा के लिए चंदे की उगाही करने वाले ताज मोहम्मद के संपर्क में आ गया। उसके कहने पर वकास ने नौसेरा स्थित लश्कर के शिविर में 21 दिन की आतंकी ट्रेनिंग (दौरा-ए-आम) ली। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद सदस्य अब्दुल रहमान के निर्देश पर पाकिस्तान के वजीरिस्तान प्रांत के कबीलाई क्षेत्र में हथियार व बम बनाने का प्रशिक्षण लिया।

मनगढ़ंत कहानियों से बना जेहादी

वकास के दादा पंजाब के फगवाड़ा में रहते थे। विभाजन के दौरान उसका परिवार पाकिस्तान जाकर बस गया था। बचपन से ही वकास को विभाजन के समय हुए कत्लेआम की कहानियां सुनने को मिलती थीं। युवा होने पर उसे जेहादी गुटों द्वारा सभाओं में मनगढ़ंत कहानियां सुनाई गईं। जिससे वकास को भारत से नफरत हो गई।

कई तरह के बम बनाने में माहिर

वकास हाइड्रोजन परॉक्साइड की मदद से केमिकल बम, पोटेशियम क्लोराइड व अमोनियम नाइट्रेट से भी वह बम बना लेता है। यह सभी सामान आसानी से भारतीय बाजार में उपलब्ध है। जैश-ए-मोहम्मद ने वकास की कराची में आइएम प्रमुख रियाज व इकबाल भटकल से मुलाकात कराई थी। वर्ष 2010 में भारत आने के तुरंत बाद वकास ने दिल्ली में जामा मस्जिद शूटआउट को अंजाम दिया था।

इन वारदात में शामिल था वकास

जामा मस्जिद शूटआउट : 19 सितंबर 2010 को ताइवानी सैलानियों की बस पर फायरिंग। दो सैलानी घायल। कुछ समय बाद ही एक कार में विस्फोट। वारदात को वकास ने यासीन भटकल व बिहार मॉडयूल की मदद से अंजाम दिया।

वाराणसी शीतलाघाट ब्लास्ट : सात दिसंबर 2010 को गंगा आरती के दौरान शीतलाघाट पर बम विस्फोट में दो वर्षीय बच्ची स्वास्तिका की मौत हो गई थी जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे।

मुंबई ब्लास्ट : 13 जुलाई 2011 को मुंबई के ओपेरा हाउस, झावेरी बाजार तथा कबूतरखाना इलाके में बम धमाकों में 21 नागरिकों की मौत व 141 लोग घायल हुए थे।

पुणे ब्लास्ट : एक अगस्त 2012 को पुणे में श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों में एक व्यक्ति घायल हुआ था।

हैदराबाद ब्लास्ट : 21 फरवरी 2013 को हैदराबाद के दिलसुख नगर में दो स्थानों पर विस्फोट में 17 लोगों की मौत, 119 घायल।

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