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73 सालों में पहली बार मनाया जाएगा Supreme Court का स्थापना दिवस, सिंगापुर के CJI होंगे मुख्य अतिथि

73 सालों में पहली बार सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। मुख्य अतिथि के तौर पर सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को आमंत्रित किया गया है। सुंदरेश मेनन भारतीय मूल के न्यायाधीश हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariFri, 03 Feb 2023 11:36 AM (IST)
73 सालों में पहली बार मनाया जाएगा Supreme Court का स्थापना दिवस, सिंगापुर के CJI होंगे मुख्य अतिथि
4 फरवरी को मनाया जाएगा सर्वोच्च न्यायालय का स्थापना दिवस।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 4 फरवरी को पहली बार भारत के सर्वोच्च न्यायालय का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस सुंदरेश मेनन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। जस्टिस मेनन 'बदलती दुनिया में न्यायपालिका की भूमिका' के बारे में बात करेंगे। 73 सालों में पहली बार सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इसमें वकालत से जुड़ी देश-विदेश की कई हस्तियां शिरकत करने वाली हैं।

सिंगापुर के मुख्य न्यायाधीश होंगे चीफ गेस्ट

यह कार्यक्रम भारत के सुप्रीम कोर्ट की 73वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जस्टिस संजय किशन कौल स्वागत भाषण देंगे और इनके साथ ही इसमें मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ भी अपने विचार रखेंगे। सीजेआई ने न्यायमूर्ति सुंदरेश मेनन का स्वागत किया और कहा कि मुख्य न्यायाधीश सुंदरेश मेनन को आमंत्रित करना सम्मान की बात है। आपको बता दें, सिंगापुर के सीजेआई, सुंदरेश मेनन भारतीय मूल के न्यायाधीश हैं।

28 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया सर्वोच्च न्यायालय

आपको बता दें, 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस मनाया गया था उसके ठीक दो दिन बाद 28 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय अस्तित्व में आया था। भारत के संघीय न्यायालय और प्रिविपर्स काउंसिल का विलय करके भारत का सर्वोच्च न्यायालय बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस की शुरुआत सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई और नेतृत्व से शुरू किया जा रहा है।

आम लोगों को जागरूक करने का उद्देश्य

सूत्रों का कहना है कि डी.वाई. चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के स्थापना दिवस मनाने की परंपरा इसलिए शुरू की है ताकि इसका भी अपना एक उत्सव हो। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में कोई जश्न नहीं मनाया जाता है। यहां केवल संविधान दिवस मनाया जाता था जो कि संविधान को समर्पित था। ऐसे में संविधान के संरक्षक यानि सुप्रीम कोर्ट का स्थापना दिवस मनाकर आम लोगों तक इस बात की जानकारी देना चाहते हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट काम कैसे करता है और विदेशों में हो रही कार्रवाई से यहां की कार्रवाई कैसे अलग होती है।

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