बेंगलुरु में ओला, उबर और रैपिडो के लिए 5% कमीशन का प्रस्ताव, ऑटो चालकों ने जताई नाराजगी
कर्नाटक सरकार ने 25 नवंबर को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों को यात्रियों द्वारा प्रत्येक ऑटोरिक्शा की सवारी पर कंपनियों से पांच प्रतिशत सुविधा शुल्क और जीएसटी वसूलने का निर्देश दिया था। सरकार के इस फैसले पर ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने चिंता जाहिर की है।
बेंगलुरू, एजेंसी। कर्नाटक सरकार और ऐप- आधारित राइड-हेलिंग कंपनियां, जैसे- ओला, उबर रैपिडो के बीच सेवा शुल्क को लेकर विवाद गहरा चुका है। शुक्रवार को सरकार ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत ऑटो एग्रीगेटर्स को 5 प्रतिशत जीएसटी के साथ-साथ सरकार द्वारा निर्धारित ऑटो किराए पर 5 प्रतिशत सेवा शुल्क लेने की इजाजत दी गई है।
ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने सरकार के फैसले पर जताई चिंता
कर्नाटक सरकार ने 25 नवंबर को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों को यात्रियों द्वारा प्रत्येक ऑटोरिक्शा की सवारी पर कंपनियों से पांच प्रतिशत सुविधा शुल्क और जीएसटी वसूलने का निर्देश दिया था। सरकार के इस फैसले पर ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने चिंता जाहिर की है। ओयूडीओए (OUDOA) के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष मामले को ठीक से पेश नहीं करने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है।
पाशा ने कहा कि सरकार को कर्नाटक ऑन डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स रूल्स में संशोधन करना चाहिए था क्योंकि इसमें ऑटोरिक्शा का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा,'अगर उन्होंने (परिवहन विभाग) अदालत को उचित जानकारी दी होती, तो अदालत सरकार को नियम में संशोधन लाने का निर्देश देती।'पाशा ने यह भी आरोप लगाया कि परिवहन विभाग ने क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, बेंगलुरू शहरी जिला को अपने साथ नहीं लिया है। मौजूदा वक्त में ऑटोरिक्शा की सवारी करते समय प्रति किलोमीटर का शुल्क 15 रुपये है। पाशा ने आशंका जताई है कि बेंगलुरु में प्रति किलोमीटर की सवारी पर जीएसटी के साथ पांच प्रतिशत सुविधा शुल्क जोड़ने पर लगभग 80 पैसे खर्च बढ़ जाएंगे।
कई ऑटोरिक्शा चालक ने सरकार के फैसले पर जाताई नाराजगी
ऑटोरिक्शा की सवारी के लिए सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम शुल्क 30 रुपये है और इससे ऊपर प्रति किलोमीटर किराया 15 रुपये है। एक ऑटोरिक्शा चालक, थिम्मप्पा ने कहा कि यह निर्धारित किराया बहुत अधिक नहीं लगता है, लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि ये कंपनियां लोगों से कैसे शुल्क लेंगी।
थिम्मप्पा ने कहा, 'ये ओला-उबर कंपनियां अत्यधिक शुल्क ले रही थीं, जिसके कारण सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा।' एक अन्य ऑटोरिक्शा चालक वेंकटेश एन ने कहा कि केवल समय ही बताएगा कि प्रत्येक सवारी पर दरें कैसे तय की जाएंगी और लोगों से कैसे शुल्क लिया जाएगा।' ओला कैब्स के एक जनसंपर्क दल के सदस्य ने पांच प्रतिशत सुविधा शुल्क पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है ।
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