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कश्मीर में पहली बार अखबार छापने पर रोक, केबल टीवी बैन

आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुई हिंसा पर लगाम कसने और घाटी में शांति कायम रखने के लिए प्रशासन ने स्थानीय अखबारों का प्रकाशन बंद करवा दिया है।

By kishor joshiEdited By: Published: Sun, 17 Jul 2016 06:10 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jul 2016 06:20 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सप्ताह भर से झुलस रही घाटी में तनाव कम करने के लिए प्रशासन ने स्थानीय अखबारों का प्रकाशन बंद करवा दिया है। यह पहला मौका है जब प्रशासन को कश्मीर में इस तरह का कदम उठाना पड़ा है।

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अखबारों का प्रकाशन तीन दिन तक बंद रहेगा। केबल नेटवर्क भी बंद करवा दिया है। खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी टीवी चैनल यहां के केबल टीवी नेटवर्क की मदद से तनाव बढ़ाने में मदद कर रहे थे। पुलिस ने शुक्रवार आधी रात के बाद एक दर्जन से अधिक अखबारों के कार्यालयों व प्रेस परिसर में दबिश देकर समाचार पत्रों का प्रकाशन रुकवाकर छप चुकी प्रतियों को जब्त कर लिया। प्रेस में कई लोगों से पूछताछ की गई और पांच लोगों को हिरासत में भी ले लिया गया।

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सरकार के अनुसार, कश्मीर में अखबारों के प्रकाशन पर तीन दिन तक प्रतिबंध रहेगा। वहीं, इसके विरोध में स्थानीय पत्रकार व समाचार पत्रों के कर्मी भी तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अखबारों में कई ऐसी बातें प्रकाशित हो रही हैं, जिससे हालात बिगड़ रहे हैं और इनमें से कई बातों का तथ्यों से नाता नहीं है। शुक्रवार आधी रात के बाद शुरू हुए इस अभियान के तहत पुलिस के एक दल ने श्रीनगर शहर के साथ सटे रंगरेथ औद्योगिक क्षेत्र में दो समाचारपत्रों की प्रिंटिंग प्रेस में छापा मारा।

पहले ग्रेटर कश्मीर और फिर उर्दू में प्रकाशित होने वाले कश्मीर उज्मा समाचार पत्र की प्रिंटिंग प्रेस में जारी छपाई को बंद करवा दिया। इन दोनों अखबारों की लगभग 50 हजार से ज्यादा प्रकाशित प्रतियों को भी जब्त कर लिया। ग्रेटर कश्मीर की प्रिंटिंग प्रेस में चार अन्य स्थानीय अखबार भी प्रकाशित होते हैं।

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ग्रेटर कश्मीर के बाद पुलिस ने कश्मीर टाइम्स के प्रेस में छापा मारा। वहां प्रकाशित होने वाले कश्मीर टाइम्स, तामिल-ए-इरशाद, कश्मीर एज, कहवट, कश्मीर मॉनिटर, कश्मीर रीडर, ब्राइटर कश्मीर, कश्मीर आब्जर्वर समेत दस से ज्यादा अखबारों का प्रकाशन रुकवाया गया। पुलिस ने फोरमैन, मशीन मैन, हेल्पर समेत छह लोगों को भी कथित तौर पर हिरासत में ले लिया है। राइजिंग कश्मीर का भी पुलिस ने इसी तरह प्रकाशन बंद कराया। इसके बाद पुलिस ने सुबह करीब चार-पांच बजे श्रीनगर में लालचौक के साथ सटे लैंबर्ट लेन, रीगल चौक में प्रमुख समाचार वितरकों और हॉकरों का घेराव कर उनके पास पहुंचे सभी अखबारों को जब्त कर लिया।

तामिल-ए-इरशाद अखबार के संपादक राजा मोहिउद्दीन ने बताया कि मुझे आधी रात के बाद प्रेस से पुलिस छापे के बारे में फोन आया। मैंने उसी समय पुलिस के आलाधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी। किसी ने इस बारे में कोई स्पष्टï बात नहीं कही। वादी के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय केबल नेटवर्क भी बंद करवा दिया गया है। स्थानीय केबल ऑपरेटरों के अनुसार, उनका प्रसारण पुलिस ने बंद कराया है, लेकिन पुलिस ने इससे इन्कार किया है।

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