पाक और चीन से कश्मीर का हड़पा हुआ हिस्सा वापस लाने पर विचार करें
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सरकार को पाकिस्तान और चीन से कश्मीर के अधिकृत हिस्सों को वापस लाने के तरीकों पर विचार करना चाहिए।
आगरा (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सरकार को चीन और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीरी हिस्सों को वापस लाने की कोशिश करनी चाहिए और इसके तरीकों पर विचार करना चाहिए। आगरा कॉलेज में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विवाहित जोड़ों के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस समस्या से बखूबी निबटेगी और कश्मीर के जिन भागों पर चीन और पाकिस्तान का कब्जा है, उन्हें वापस भारत में लाने के रास्ते तलाश लेगी।
इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बलूचिस्तान व पाक अधिकृत कश्मीर पर दिए गए बयानों का भागवत ने खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हुए संसद 2 बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव कर चुकी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार इस समस्या का समाधान खोज लेगी।
भागवत ने दावा किया कि कश्मीर में अलगाववादियों के पास वहां के लोगों का सैद्धांतिक समर्थन नहीं है। उन्होंने कहा कि घाटी में अब केवल आतंकियों का आतंक हावी है। प्रदेश और केंद्र सरकार को प्रभावी तरीके से इसका सामना करना होगा। भागवत ने कहा कि कश्मीर एक राष्ट्रीय समस्या है और लोगों को इसके साथ निबटने के लिए एकजुट होना पड़ेगा।
कश्मीर पंडित नेहरू की असफल राजनीति का सटीक उदाहरण: जितेंंद्र सिंह
भागवत ने दावा किया कि अगर यूपीए सरकार वाजपेयी की कश्मीर नीति को आगे बढ़ाती, तो घाटी की समस्याएं अबतक सुलझाई जा चुकी होतीं। उन्होंने घाटी के मौजूदा हालातों के लिए खराब प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में ना तो विकास है और ना ही वहां रोजगार का जरिया ही है। भागवत ने कहा कि विकास की गति तेज करने और कश्मीरियों के घाव भरने की जिम्मेदारी सरकार की है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह वहां ऐसा माहौल बनाए जिससे कि कश्मीरी भारत से जुड़े रहना चाहें।
पीएम ने कभी भी आजादी की लड़ाई में कांग्रेस की भूमिका को नहीं नकारा