जेटली ने कांग्रेस से क्यों कहा, दामन में लगे दाग पर बहस के लिए हों तैयार
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस को संसद में बहस की खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में कांग्रेस नेता अपनी बात कहें। सरकार ईमानदारी से जवाब देगी।
नई दिल्ली। सियासत की अपनी एक अलग कहानी होती है। आरोप-प्रत्यारोप वो हथियार हैं जिनकी मदद से नेता एक दूसरे पर निशाना साधते हैं। जनता के दिल और दिमाग पर काबिज होने की एक कोशिश ताकि सत्ता की फिसलन भरी कुर्सी से आसानी से वो बेदखल न हो सकें। कांग्रेस के निशाने पर सरकार है। वहीं सरकार के आक्रामक तेवरों से कांग्रेस लहुलुहान है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अगर कांग्रेस इतनी पाक-साफ है तो संसद में बहस के लिए तैयार क्यों नहीं होती है। क्या संसद में हंगामा करना ही उनका पेशा रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के काले कारनामों को साबित करने के लिए उनके पास पक्के सबूत हैं।
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वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार हर उन मुद्दों पर संसद में बहस के लिए तैयार है जिसे कांग्रेस राजनीतिक मुद्दे के तौर पर देखती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ बहुत से ऐसे मुद्दे हैं। जिनकी गिनती करना मुश्किल है। लेकिन सरकार पीछे नहीं हटने वाली है। उनके पास कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों के खिलाफ ऐसे सबूत हैं जिसे कांग्रेस नकार नहीं सकती है। वो चाहते हैं कि उन मुद्दों पर संसदीय बहस हो और जनता के सामने सच्चाई आ सके।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए साक्षात्कार में अरुण जेटली ने कहा कि नेशनल हेरॉल्ड का मामला हो, अगस्ता का मुद्दा हो या एक पूर्व सीएम के रिश्तेदारों के विदेशों में अकाउंट का मामला हो सरकार बिना किसी दुर्भावना के बहस चाहती है। कांग्रेस ने जब ललित मोदी केस में वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज के खिलाफ मुद्दा उठाया तो सरकार संसद में बहस के लिए तैयार हो गयी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ मुद्दों की कमी नहीं है। हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला, नेशनल हेरॉल्ड में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ केस, पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के रिश्तेदार का विदेश में खाते का मामला या पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे का कार्ति का मामला हो सरकार खुले मन से बहस चाहती है ताकि जनता को भी सच्चाई का पता चल सके। अरुण जेटली ने कहा कि सोनिया गांधी सरकार पर चरित्र हनन करने का आरोप लगाती हैं जो सच्चाई से कोसों दूर है।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि सरकार सुधार के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। जीएसटी पर सरकार को उम्मीद है कि ये बिल इस साल पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लंबे समय तक इस बिल की राह में रोड़ा नहीं बन सकती है। उन्हें बिल के समर्थन में आना ही होगा। लेकिन कांग्रेस का रवैया सहयोग का नहीं होता है तो सरकार के पास राज्य सभा में मत विभाजन के अलावा और कोई रास्ता नहीं है। जीएसटी बिल को लोकसभा ने पहले ही पारित कर दिया है।