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Farmer Suicide: केरल में आर्थिक तंगी से परेशान होकर किसान ने जहर खाकर दे दी जान, अब हो रही राजनीति

केरल के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने कथित तौर पर वित्तीय संकट के कारण शुक्रवार की रात जहर खाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि उन्हें तिरुवल्ला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन शनिवार तड़के उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि किसान ने वित्तीय संकट के कारण यह कदम उठाया है।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaPublished: Sat, 11 Nov 2023 02:04 PM (IST)Updated: Sat, 11 Nov 2023 02:04 PM (IST)
केरल के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने वित्तीय संकट के कारण जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

पीटीआई, अलपुझा (केरल)। केरल के कुट्टनाड क्षेत्र में एक किसान ने कथित तौर पर वित्तीय संकट के कारण शुक्रवार की रात जहर खाकर आत्महत्या कर ली। हालांकि, उन्हें तिरुवल्ला के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शनिवार तड़के उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि किसान ने वित्तीय संकट के कारण यह कदम उठाया है।

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पुलिस ने बताया कि यहां थकाझी में अंबेडकर कॉलोनी के रहने वाले किसान केजी प्रसाद ने शुक्रवार रात जहर खा लिया। जिसके बाद उन्हें प्राथमिक इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां शनिवार को तड़के उनकी मौत हो गई।

प्रसाद के दोस्तों और अन्य किसानों ने आरोप लगाया कि उन्होंने खरीदे गए धान के लिए सरकार से पैसा नहीं मिलने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक किसान द्वारा लिखे गए एक कथित पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मौत के लिए राज्य सरकार और कुछ बैंक जिम्मेदार हैं।

किसान के करीबी मित्र ने बताई वजह

एक किसान ने बताया, "हालांकि प्रसाद ने धान खरीदा था, लेकिन सरकार ने उन्हें इसका भुगतान नहीं किया और इसके बदले उन्हें ऋण लेना पड़ा। प्रसाद के करीबी किसान ने कहा, "राज्य सरकार को इस ऋण राशि का भुगतान बैंक को करना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे। स्वाभाविक रूप से इससे प्रसाद का सिबिल स्कोर कम हो गया। जब उन्होंने हाल ही में ऋण के लिए बैंकों से संपर्क किया, तो बैंक अधिकारियों ने कम सिबिल स्कोर का हवाला देते हुए उन्हें राशि देने से इनकार कर दिया।"

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मामले में पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए हैं कि किसान द्वारा यह कदम उठाने का कारण वित्तीय संकट था या नहीं। उन्होंने पीटीआई को बताया, "हमें (रिश्तेदारों से) प्राप्त बयान के अनुसार, उनके बहुत करीबी एक व्यक्ति की हाल ही में मृत्यु हो गई और प्रसाद उनके अप्रत्याशित निधन के कारण उदास थे।" अधिकारी ने यह भी कहा कि उन्हें प्रसाद द्वारा अपने चरम कदम के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाले पत्र और कथित टेलीफोन पर बातचीत का सत्यापन करना अभी बाकी है।

किसान आत्महत्या मामले में हो रही राजनीति

इस बीच, किसान की मौत से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है, क्योंकि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने इस मुद्दे पर एलडीएफ सरकार पर जोरदार हमला बोला। खान ने कहा कि दक्षिणी राज्य में किसान भारी संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं, सतीसन ने कहा कि सरकार धान खरीद में बुरी तरह विफल रही है और भुगतान महीनों से लंबित है।

तिरुवनंतपुरम में राज्यपाल ने कहा, "जो लोग जीवनभर इस राज्य की सेवा करते रहे हैं। उनकी पेंशन बंद कर दी गई है, जो लोग सक्रिय सेवा में हैं। उनका वेतन बंद कर दिया गया है, लेकिन जिन्होंने दो साल तक मंत्रियों के निजी स्टाफ के रूप में काम किया है। उन्हें सारा पैसा मिल रहा है।"

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