लॉकरों में जमा सामानों को लेकर जवाबदेही से बच रहे बैंक: एक्सपर्ट्स
बैंकों ने कहा है कि लॉकरों में जमा सामान अगर किसी भी कारण से गायब हो जाते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुंचता है तो वे इसका मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
नई दिल्ली, पीटीआई। अगर किसी सरकारी बैंक के लॉकर में जमा आपका कीमती सामान गायब हो जाता है या चोरी हो जाता है तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार नहीं है, हाल ही में आरबीआई और सरकारी क्षेत्र के कई बैंकों ने एक आरटीआई के जवाब में यह कहा है।
इसको लेकर उपभोक्ता अधिकारों के विशेषज्ञों ने बैंकों को आड़े हाथों लिया है। उनका मानना है कि बैंक लॉकरों में जमा सामानों के नुकसान को लेकर अपनी जवाबदेही से पीछा छुड़ा रहे हैं और उनका जिम्मेदारी नहीं लेना कहीं ना कहीं सेवा में ढिलाई को दर्शाता है।
बैंकों ने कहा है कि लॉकरों में जमा लोगों के सामान अगर किसी भी कारण से गायब हो जाते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुंचता है तो वे इसका मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं हैं। बैंक और ग्राहकों के बीच समझौते के अंतर्गत यह शामिल नहीं है।
कंज्यूमर राइट्स एक्सपर्ट और कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशंस के संस्थापक बेजॉन मिश्रा ने कहा कि सरकार , आरबीआई और बैंकिंग इंडस्ट्री ऐसे पल्ला नहीं झाड़ सकती। जिसके लिए ग्राहक पैसा दे रहे हैं उसके लिए कोई जवाबदेही कैसे नहीं हो सकती है। वहीं उपभोक्ता मामलों को देखने वाले वकील कुश शर्मा ने कहा कि बैंकों को जरूर लॉकर में रखे सामानों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसके लिए लॉकरों में क्या रखा जा रहा है इसको लेकर पारदर्शिता लाने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें: 1 जुलाई से PAN के लिए अनिवार्य हो जाएगा आधार, सरकारी अधिसूचना जारी