हिंसा की आशंका से इलेक्शन कमीशन ने कश्मीर का संसदीय उप चुनाव रद किया
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि निकट भविष्य में इसे आयोजित करने की संभावना नहीं देखकर इसे रद किया जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कश्मीर में चल रहे अलगाववादी उबाल की वजह से फिलहाल वहां अनंतनाग लोकसभा सीट पर 25 मई को होने वाले उप चुनाव को रद कर दिया गया है। बीते दिनों हुए श्रीनगर उप चुनाव में महज सात फीसद मतदान होने और राज्य प्रशासन की ओर से हिंसा बढ़ने की आशंका के मद्देनजर केंद्रीय चुनाव आयोग ने यह कदम उठाया है। यह सीट रिक्त हुए दस महीने बीत चुके हैं।
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि निकट भविष्य में इसे आयोजित करने की संभावना नहीं देखकर इसे रद किया जा रहा है। अब अगली तारीख का फैसला यहां स्थितियां अनुकूल होने के बाद ही लिया जाएगा। पिछले साल जुलाई में महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।
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दरअसल, राज्य में अलगाववाद प्रभावित चार जिले अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और सोपियां इसी सीट के तहत आते हैं। पिछले साल पत्थरबाजी और उपद्रव की बड़ी घटनाओं का केंद्र भी यही इलाका रहा है। ऐसे में राज्य प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों के दौरान आयोग से कई बार कहा कि यहां चुनाव कराना अभी ठीक नहीं होगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में भी इसी तरह की बात कही है। उधर, विभिन्न राजनीतिक दलों से आयोग ने जो राय ली, उसमें भी अधिकांश फिलहाल चुनाव नहीं करवाने के पक्ष में थे।
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राज्य के मुख्य सचिव ने 20 अप्रैल को आयोग को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तय समय पर चुनाव कराने में हिंसा का खतरा तो है ही, साथ ही यह आशंका भी है कि वोट प्रतिशत और घट जाए। उन्होंने उप चुनाव को कम से कम अक्टूबर तक के लिए टाल देने का अनुरोध किया है। उधर, आयोग ने राज्य प्रशासन के साथ चर्चा के आधार पर 687 कंपनी यानी लगभग 68 हजार से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की मांग की थी। जबकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इतने कम समय में कुल 304 कंपनी यानी लगभग 30 हजार से ज्यादा जवान उपलब्ध करवाने में असमर्थता जता दी थी।
जल्द उपचुनाव होने का संभावना नहीं
इस महीने के दौरान ही रमजान शुरू हो जाएगा जो जून के अंत तक चलेगा। इसके बाद जून अंत से अगस्त तक अमरनाथ यात्रा चलेगी। इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाहर से यहां आएंगे। लिहाजा प्रशासन इसकी तैयारी में व्यस्त रहेगा।
अर्द्धसैनिक बलों से नहीं मिला मतदान को बल
खास बात यह है कि अर्धसैनिक बलों की बड़ी से बड़ी तादाद भी लोगों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने में नाकाम साबित हो रही है। पिछले महीने श्रीनगर उप चुनाव के दौरान हुई गड़बडि़यों के बाद सिर्फ 38 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान होना था। इन पर महज 34 हजार मतदाता थे। मगर इस दौरान 20 हजार सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया। इसके बाद भी यहां सिर्फ दो फीसदी लोग ही मतदान केंद्र तक पहुंचे।
इससे पहले नौ अप्रैल को हुए श्रीनगर उप चुनाव में सिर्फ सात फीसद मतदाताओं ने ही वोट डाले। 2014 के आम चुनाव के दौरान यहां 26 फीसदी वोट पड़े थे।