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पूर्व आइएएस अधिकारी हर्ष मंदर से जुड़े परिसरों में ईडी के छापे, मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में चला तलाशी अभियान

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की तरफ से फरवरी में सेंटर फार इक्विटी स्टडीज (सीएसई) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला पंजीकृत किया था। मंदर इसके संचालक व निदेशक हैं ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 06:25 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:25 PM (IST)
केंद्रीय एजेंसी को मंदर से जुड़े दो एनजीओ के वित्तीय व बैंक संबंधी दस्तावेज की तलाश है

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी व मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर से जुड़े परिसरों में छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली के अधचीनी, वसंत कुंज व महरौली स्थित मंदर के आवास व उनसे जुड़े गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के दफ्तरों की प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली गई। केंद्रीय एजेंसी को मंदर से जुड़े दो एनजीओ के वित्तीय व बैंक संबंधी दस्तावेज की तलाश है। कई किताबों के लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता मंदर सुबह ही पत्नी के साथ जर्मनी के लिए रवाना हुए हैं। बताया जाता है कि वह एक फेलोशिप के लिए जर्मनी गए हैं।

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ईडी ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की तरफ से फरवरी में सेंटर फार इक्विटी स्टडीज (सीएसई) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामला पंजीकृत किया था। मंदर इसके संचालक व निदेशक हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रजिस्ट्रार की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 188 (लोकसेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 83 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। ये मामले सीएसई द्वारा दक्षिण दिल्ली में स्थापित उम्मीद अमन घर और खुशी रेनबो होम से जुड़े हैं। पुलिस ने तब बताया था कि एनसीपीसीआर की टीम द्वारा पिछले वर्ष अक्टूबर में जांच के आधार पर इन संस्थानों पर मामला दर्ज किया गया था। एनसीपीसीआर ने तब आरोप लगाए थे कि इन दो गैर सरकारी संगठनों की जांच में एक संस्थान में किशोर न्याय अधिनियम और बाल यौन उत्पीड़न सहित कई अन्य अनियमितताएं पाई गई थीं।

मंदर ने तब इन आरोपों को अनुचित बताया था। उन्होंने कहा था, 'मेरा मानना है कि यह पूरी तरह अनुचित है। हमने काफी मजबूत व्यवस्था बनाई है। जैसे, हमारे पास बुजुर्ग महिलाएं (देखभाल करने वाली) हैं, जो बच्चों के साथ सोती हैं और हम उनकी काउंसिलिंग करते हैं। ये महज आरोप और अफवाह हैं।'


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