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ED: मनी लांड्रिंग में राहुल गांधी के करीबी से ईडी ने की पूछताछ, टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले से जुड़ा है मामला

ईडी ने मनी लांड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के करीबी अलंकार सवाई से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। इस मामले में ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रवक्ता साकेत गोखले को हाल ही में जांच एजेंसी ने गुजरात में गिरफ्तार किया था। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Sat, 04 Feb 2023 10:49 PM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:49 PM (IST)
मनी लांड्रिंग में राहुल गांधी के करीबी से ईडी ने की पूछताछ।

नई दिल्ली, पीटीआई। ईडी ने मनी लांड्रिंग के एक मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के करीबी अलंकार सवाई से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। इस मामले में ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रवक्ता साकेत गोखले को हाल ही में जांच एजेंसी ने गुजरात में गिरफ्तार किया था।

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अधिकारियों के अनुसार, अलंकार से पूछताछ की गई और इस सप्ताह की शुरुआत में तीन दिन तक अहमदाबाद में गोखले और सवाई को आमने-सामने बैठाकर सवाल-जवाब किए गए। पूर्व बैंकर अलंकार सवाई को राहुल का काफी करीबी माना जाता है और वह उनकी शोध टीम के मुखिया भी हैं। संघीय जांच एजेंसी ने गोखले को 25 जनवरी को गिरफ्तार करने के बाद अलंकार सवाई को तलब किया था, जब वह क्राउड फंडिंग प्लेटफार्म के माध्यम से धन जुटाने में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गुजरात पुलिस की हिरासत में थे।

ईडी ने गोखले का रिमांड मांगते हुए अहमदाबाद की एक अदालत को बताया था कि जब गोखले से उसके बैंक खाते में एक साल में नकद में जमा कराए गए 23.54 लाख रुपये के बारे में पूछा गया था तो उसने एजेंसी को बताया था कि सोशल मीडिया कार्य और अन्य सलाहों के लिए कांग्रेस के अलंकार सवाई द्वारा ये पैसा नकद दिया गया था। यह पूछे जाने पर कि सवाई ने उसे नकद भुगतान क्यों किया तो गोखले का कहना था कि इसका उत्तर तो केवल सवाई ही दे सकते हैं।

एजेंसी ने कहा कि सोशल मीडिया के काम के संबंध में अलंकार सवाई के साथ किसी लिखित समझौते के बारे में पूछे जाने पर गोखले ने कहा था कि इस संबंध में केवल मौखिक समझौता ही हुआ था। ईडी ने आरोप लगाया कि ये नकद जमा गोखले ने तब प्राप्त किए थे, जब वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य थे।

माना जा रहा है कि सवाई से इन मामलों के बारे में पूछताछ की गई और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रविधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। इस मामले में जांच एजेंसी अन्य लोगों से भी पूछताछ कर सकती है।

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