Move to Jagran APP

विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले राजदूत और उच्चायुक्त में क्या है अंतर? विस्तार से जानें

उच्चायुक्त और राजदूत दोनों ही राजनयिक होते हैं। दोनों पदों की जिम्मेदारी देश का प्रतिनिधित्व करने की होती है। बता दें कि उच्चायुक्त शब्द किसी राष्ट्रमंडल देश में राजदूत के लिए इस्तेमाल किया जाता है जबकि राजदूत शब्द का इस्तेमाल बाकी देशों के लिए होता है।

By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Wed, 11 Jan 2023 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2023 06:04 PM (IST)
राजदूत और उच्चायुक्त की जिम्मेदारी निभाने वाले व्यक्ति भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी होते हैं-

नई दिल्ली, जेएनएन। राजदूत और उच्चायुक्त इन शब्दों के बारे में आपने अक्सर सुना या पढ़ा होगा। विदेशों में तमाम जगहों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पदाधिकारियों की आवश्यकता होती है। कई सारी विदेशी नीति हों या अन्य अधिकारिक कार्य राजदूत और उच्चायुक्त देश की ओर से इसका मोर्चा संभालते हैं। किसी देश में भारत का राजदूत और किसी देश में भारत का उच्चायुक्त होने की बात आप जानते होंगे, लेकिन इन दोनों पदों का अपना-अपना महत्व और अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं। हालांकि इनमें कुछ सामानताएं भी हैं।

loksabha election banner

अक्सर आपको दोनों पदों के बारे में विस्तार से जाननें के लिए काफी मस्कत करनी पड़ती होगी या आप इन दोनों का मतलब लेकर उलझ जाते होंगे। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आपको बता दें कि इस खबर में आपकी इस दुविधा का हल हो जाएगा। क्योंकि इस खबर में दोनों पदों के बारे में विस्तार से बताया गया है। जानकारी के लिए पूरी खबर पढ़ें-

क्या होते हैं उच्चायुक्त और राजदूत

उच्चायुक्त और राजदूत दोनों ही राजनयिक होते हैं। दोनों पदों की जिम्मेदारी देश का प्रतिनिधित्व करने की होती है। बता दें कि 'उच्चायुक्त' शब्द किसी राष्ट्रमंडल देश में राजदूत के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि राजदूत शब्द का इस्तेमाल बाकी देशों के लिए होता है।

किन्हें बनाया जाता है राजदूत और उच्चायुक्त

यह पद जितना बड़ा है उतना ही महत्वपूर्ण भी है, जिसके लिए एक लायक व्यक्ति को ही यह जिम्मेदारी मिलती है। राजदूत और उच्चायुक्त की जिम्मेदारी निभाने वाले व्यक्ति भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी होते हैं, जिसके लिए उन्हें हर साल आयोजित होने वाली UPSC यानी सिविल सेवा की परीक्षा पास करनी होती है। वहीं इस पद के लिए सरकार ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति करती है, जो विभिन्न देशों में भारत के प्रतिनिधि के रूप में काम करते हैं।

उच्चायुक्त और राजदूत के बीच अंतर को और अच्छे से समझें

उच्चायुक्त

  • उच्चायुक्त शब्द राष्टमंडल के प्रतिनिधियों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के तौर पर कनाडा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले शख्स को उच्चायुक्त कहा जाता है। वहीं, दूसरी तरफ राष्टमंडल देशों में भारत के विदेश मंत्रालय कार्यालय को उच्चायोग कहते हैं।
  • राष्टमंडल देशों के मामले में एक राष्टमंडल राष्ट्र से दूसरे देश में उच्चायुक्त सरकार के प्रमुख से परिचय का अनौपचारिक पत्र ले जाते हैं। बता दें कई भारत के मामले में यह पत्र प्रधानमंत्री से लेना होता है।
  • उच्चायुक्त राजनियक संबंधों को अच्छा बनाए रखते हैं व आर्थिक व व्यापारिक संबंधों में मदद करते हैं।

राजदूत

  • राष्टमंडल देशों को छोड़कर बाकी देशों में भारत के प्रतिनिधि को राजदूत कहते हैं। उदाहरण के तौर पर जर्मनी में भारत के प्रतिनिधि को भारतीय राजदूत कहते हैं। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय के कार्यालय को राष्ट्रमंडल देशों के अलावा बाकी देशों में दूतावास के रूप में जाना जाता है।
  • राजूदतों के इतिहास के बारे में जानें तो यह 17वीं सदी के इतालवी राज्यों से जुड़ा हुआ है। यहां राजनयिक के रूप में उनकी भूमिका में बदलाव हुआ करता था। उस दौरान छोटे राज्यों ने बाहरी सुरक्षा के लिए राजदूत के विकल्प को चुना था।
  • जिस भी देश में राजदूत अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं, वहां वे अपने देश के प्रमुख से एक औपचारिक साख पत्र को लेकर जाते हैं। इस साख पत्र को लेटर ऑफ क्रेडिट भी कहते हैं।
  • राजदूतों के काम की बात करें तो ये दो देशों के बीच अच्छे राजनयिक संबंधों को बनाकर रखते हैं, जिससे दो देशों के बीच संबंधों में दरार न आए। इसके साथ ही इनकी जिम्मेदारी मानव तस्करी, नशीली दवाओं के व्यापार और आंतकवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर रोक लगाकर शांति बनाए रखना भी होती है।

यह भी पढ़ें- अमेरिका में बच्चों में दमे के हर 8 मामले में से एक का कारण गैस चूल्हा, अब इस पर रोक लगाने का विचार

यह भी पढ़ें- Fact Check: मायापुरी ASI हत्याकांड का आरोपी मुस्लिम नहीं, समुदाय विशेष के खिलाफ किया जा रहा दुष्प्रचार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.