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बढ़ते मामलों के बावजूद भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर, 25 में से औसतन मिल रहा एक कोरोना पॉजिटिव

भारत में टेस्टिंग की तुलना में न सिर्फ कोरोना के कम मरीज सामने आ रहे हैं। बल्कि स्वस्थ होने वाले मरीजों का अनुपात भी दुनिया के कई देशों की तुलना में अधिक है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 10:37 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 10:40 PM (IST)
बढ़ते मामलों के बावजूद भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर, 25 में से औसतन मिल रहा एक कोरोना पॉजिटिव

नीलू रंजन, नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की संख्या भले ही तेजी से बढ़ रही हो और 70 हजार पार कर गई हो, लेकिन विभिन्न मानकों पर भारत की स्थिति दुनिया के अधिकांश बड़े देशों से बेहतर है। प्रति 10 लाख की आबादी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों और उससे मरने वालों की संख्या अब भी दुनिया के दूसरे देशों से काफी कम है। यह स्थिति तब है जबकि भारत में हर दिन औसतन 80 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि भारत में टेस्ट कराने वालों और उसमें पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों के अनुपात में बड़ा बदलाव नहीं आया है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत में कम टेस्ट होने के कारण कोरोना के कम मरीज होने के आरोप को खारिज कर दिया। उनके अनुसार देश में अभी तक 17.6 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। इसमें कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की संख्या 70,768 मिली है जो कई देशों की तुलना में काफी कम है। उनके अनुसार भारत में अब भी 25 टेस्ट करने के बाद एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहा है। जबकि अमेरिका में 6.8 टेस्ट में एक, ब्रिटेन में छह टेस्ट में एक, जापान में 13.6 टेस्ट में एक, जर्मनी में 17 टेस्ट में एक, इटली में 11.6 टेस्ट में एक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता है।

10 लाख की आबादी पर किए जा रहे 1,275 कोरोना टेस्ट

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में भले ही प्रति 10 लाख की आबादी पर 1,275 टेस्ट ही हो रहे हैं और इसकी तुलना में स्पेन में 52,781 टेस्ट, इटली में 43,112 टेस्ट, अमेरिका में 29,147 टेस्ट और ब्रिटेन में 29,566 टेस्ट हो रहे हों, लेकिन सच्चाई का दूसरा पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि भारत में जितने टेस्ट हो रहे हैं, उनमें पॉजिटिव मरीजों की संख्या बहुत-बहुत कम निकल रही है। इसके बावजूद देश में टेस्टिंग का विस्तार किया जा रहा है। देश में सर्दी- खांसी- जुकाम और बुखार से पीडि़त सभी मरीजों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही बिना लक्षण वाले मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने की नई योजना शुरू की गई है ताकि कोरोना वायरस पर पूरी नजर रखी जा सके।

स्वस्थ होने वाले मरीजों का अनुपात दुनिया के कई देशों की तुलना में अधिक

भारत में टेस्टिंग की तुलना में न सिर्फ कोरोना के कम मरीज सामने आ रहे हैं। बल्कि स्वस्थ होने वाले मरीजों का अनुपात भी दुनिया के कई देशों की तुलना में अधिक है। भारत में अस्पताल से छुट्टी पाने वाले लगभग 91 फीसद मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं और केवल नौ फीसद मरीजों की ही मौत हो रही है। जबकि पूरे विश्व में औसतन 84 फीसद मरीज ही स्वस्थ हो पा रहे हैं। इनमें भी इटली, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन की स्थिति और भी ज्यादा खराब है। प्रति 10 लाख आबादी में देंखे तो भारत में दो लोगों की मौत हुई है, वहीं अमेरिका में 248, स्पेन में 576, ब्रिटेन में 482, इटली में 508 और फ्रांस में 408 लोगों की मौत हुई है।


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