भाजपा पर राहुल गांधी का कटाक्ष, ट्वीट कर नोटबंदी को बताया- ‘त्रासदी’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को एक त्रासदी बताते हुए ट्वीट कर इसे प्रधानमंत्री का तबाही वाला कदम बताया है।
नई दिल्ली (एएनआई)। नोटबंदी का एक साल पूरा हो गया। कांग्रेस के कार्यकर्ता रात 12 बजे से नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर नोटबंदी की निंदा करते हुए कहा है- ‘एक आँसू भी हुकूमत के लिए ख़तरा है, तुमने देखा नहीं आँखों का समुंदर होना।‘
नोटबंदी के बाद एटीएम के बाहर खड़े एक परेशान बुजुर्ग की तस्वीर के साथ राहुल ने नोटबंदी के कारण आम जनता को हुई परेशानियों का हवाला देते हुए भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया है।
Demonetisation is a tragedy. We stand with millions of honest Indians, whose lives & livelihoods were destroyed by PM’s thoughtless act.— Office of RG (@OfficeOfRG) November 8, 2017
ट्वीट में राहुल ने लिखा है, नोटबंदी एक त्रासदी है। हम लाखों इमानदार भारतीय जनता के साथ हैं जो प्रधानमंत्री के इस बिना सोचे विचारे उठाए गए कदम से पूरी तरह तबाह हो गए हैं। बता दें कि इस मौके को जहां भाजपा उपलब्धि की तौर पर देख खुशियां मना रही है। वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियां काला दिवस के नाम पर विरोध कर रही हैं।
चुनावी दौरे में भी नोटबंदी बना हथियार
हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनावी दौरे के दौरान नोटबंदी को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भाजपा और मोदी सरकार पर हमला किया था।
पुराने नोटों पर बैन के बाद
गत वर्ष 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालाधन के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए देश में 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगा दिया था। बिना पूर्व तैयारी के सरकार द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सरकार ने पुराने नोट बंद करने के बाद 2000 के नए नोट लाने की घोषणा की। नोटबंदी के बाद ये मार्केट में आए लेकिन दुकानदार इसे लेने में आनाकानी कर रहे थे क्योंकि 500 और 1000 नोटों की किल्लत थी और इसका छुट्टा मिलने में परेशानी हो रही थी।
बैंकों व एटीएम के बाहर लगी थीं लंबी कतारें
बैंक से पैसा निकालने के लिए भी एटीएम की तरह ही लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा था। नोटबंदी के बाद एटीएम के बाहर लगने लंबी-लंबी कतारें एक सुबह से दिखने लगती थी जो एटीएम के खाली होने तक लगी रहती थी। कईयों को तो अपनी बारी आने के बावजूद खाली हाथ लौटना पड़ता था। एटीएम में पर्याप्त मात्रा में कैश भी नहीं होती थी। दूसरी ओर पैसा जमा करने वालों की भी लंबी कतारें बैंकों में पुराने नोटों को जमा करने वालों की भारी तादाद थी।
हर ओर थी मुसीबतें
पेट्रोल पंप, टोल आदि पर पुराने नोट बंद कर दिए गए थे। कई शादियों के टलने की भी खबरें सामने आयीं थीं जिसके पीछे की बड़ी वजह नोटबंदी ही था।
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