पर्रिकर ने कहा, एक ही रात में नहीं होते रक्षा सौदे
रक्षा मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत एक या दो लड़ाकू जेट विकसित करने की प्रक्रिया में जुटा है।
हैदराबाद, प्रेट्र : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि रक्षा सौदे टेलीविजन या मोबाइल फोन खरीदने के जैसा काम नहीं हैं जो एक ही रात में हो जाए। नौकरशाही की प्रक्रिया के कारण रक्षा सौदे में ढेर सारा समय लगता है। यहां एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने उल्लेख किया कि नौकरशाही में कभी ऐसा भी होता है कि जो उत्पाद के बारे में कुछ भी नहीं समझ रहा होता है वह खरीद में हिस्सा ले रहा होता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत एक या दो लड़ाकू जेट विकसित करने की प्रक्रिया में जुटा है।
उन्होंने कहा, 'रक्षा (सौदे) में चीजें समय ले सकती हैं। यह तक कि मैं एक आदेश दूं तो भी एक रात में कुछ नहीं हो सकता क्योंकि उसे परिपक्व होने के लिए समय की जरूरत पड़ती है।' रक्षा मांग रखने में ढेर सारा समय लगता है। विभाग में टॉम, डिक और हैरी बैठे हैं। वे वास्तविक उत्पाद के बारे में कुछ भी नहीं समझ पाते हैं और संदिग्ध सवाल पूछते हैं, कई बार मजाकिया सवाल, कई बार प्रासंगिक सवाल भी पूछ बैठते हैं। जब वह खुद को संतुष्ट कर लेता है तो उसका तबादला हो जाता है और उसकी जगह कोई दूसरा आ जाता है। नया आदमी भिन्न सवाल पूछना शुरू कर देता है। इसमें ढेर सारा समय लगता है।
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रक्षा मंत्री यहां टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) की नई सुविधा के शिलान्यास के मौके पर संबोधित कर रहे थे। टीबीएएल बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम का संयुक्त उपक्रम है।
इसी वित्त वर्ष में चीफ ऑफ डिफेंस के समाधान की उम्मीद
शहर के बाहर डुंडीगल में स्थित वायु सेना अकादमी में रक्षा मंत्री ने संयुक्त ग्रेजुएशन परेड में हिस्सा लेने पहुंचे पर्रिकर ने संवाददाताओं से बातचीत की। उन्होंने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ होने का मामला तय होने की उम्मीद जताई।