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Covid 19 India Updates: कई प्रदेशों में संक्रमण की दर में वृद्धि को केंद्र ने बताया खतरनाक, पूरा देश खतरे में

राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। महाराष्ट्र में कोरोना की संक्रमण दर 23.44 फीसद तक पहुंच गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Wed, 31 Mar 2021 06:44 AM (IST)
Covid 19 India Updates:  कई प्रदेशों में संक्रमण की दर में वृद्धि को केंद्र ने बताया खतरनाक, पूरा देश खतरे में
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और टीकाकरण की स्‍थिति

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ कहा कि कुछ राज्यों की लापरवाही से देश में कोरोना की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इन राज्यों के चलते पूरे देश के लिए खतरा पैदा हो गया है और किसी को भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बढ़ते मामलों से यह भी स्पष्ट है कि कोरोना वायरस अभी पूरी तरह से सक्रिय है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना जांच में बड़ी संख्या में संक्रमित व्यक्तियों के मिलने से साफ है कि ये राज्य या तो पर्याप्त संख्या में टेस्ट नहीं कर रहे हैं या फिर कांट्रैक्ट ट्रैसिंग कर संक्रमण की आशंका वाले लोगों को क्वारंटाइन करने में ढिलाई बरत रहे हैं।

महाराष्ट्र, पंजाब समेत कई प्रदेशों में संक्रमण की दर में वृद्धि को केंद्र ने बताया खतरनाक

राजेश भूषण ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस कानून के तहत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना की संक्रमण दर (जांच में संक्रमित पाये जाने की दर) 23.44 फीसद तक पहुंच गई है। यानी यहां जितने लोगों की जांच हो रही है, उनमें हर चौथा व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिल रहा है।

यह संक्रमण के लिए खतरनाक स्थिति है। इसका सीधा मतलब है कि महाराष्ट्र में पर्याप्त संख्या में कोरोना के टेस्ट नहीं हो रहे हैं और उन्हें तत्काल बढ़ाए जाने की जरूरत है। पंजाब में 8.92 फीसद, छत्तीसगढ़ में 8.24 फीसद और मध्यप्रदेश में 7.82 फीसद संक्रमण दर इसी स्थिति को दर्शाती है।

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भूषण ने कहा कि कहा कि कोरोना संक्रमण की अधिक संख्या वाले राज्यों के साथ-साथ 47 जिलों के जिलाधिकारियों व अन्य अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक कर स्थिति की समीक्षा की गई और उन्हें तत्काल जरूरी कदम उठाने के कहा गया। इसके अलावा टेस्टिंग बढ़ाने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आइसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने मंगलवार को अलग से इन जिलों के साथ बैठक की।

सबसे प्रभावित 10 में से आठ जिले महाराष्ट्र में

भूषण ने बताया कि बढ़ते मामलों के आधार पर देश में कुल 47 जिलों को चिन्हित किया गया है। इनमें से भी 10 जिले सबसे बुरी तरह प्रभावित जिले हैं। इनमें से आठ जिले महाराष्ट्र से हैं। इनमें पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नासिक, औरंगाबाद, नांदेड़ और अहमदनगर शामिल हैं। इसके अलावा कर्नाटक का बेंगलुरु अर्बन और दिल्ली भी इसमें है। पूरी दिल्ली को एक जिले के रूप में माना गया है।

अस्पताल और आइसीयू बेड बढ़ाने की जरूरत

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आइसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने प्रभावित राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक में टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया। आरटी-पीसीआर टेस्ट ज्यादा करने को कहा गया है। पॉल ने कहा कि हालात तेजी से और खराब हो रहे हैं, खासकर कुछ राज्यों में स्थिति बेहद गंभीर होते जा रही है। किसी भी राज्य को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना अस्पतालों और आइसीयू बेड बढ़ाने की भी जरूरत है, नहीं तो मामले बढ़ने पर इस व्यवस्था के ध्वस्त होने का खतरा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों को लिखा पत्र, गंभीर होती स्थिति को लेकर किया आगाह

राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर नए सिरे से कोरोना के बढ़ते खतरे के प्रति आगाह किया। राजेश भूषण का कहना था कि जिन जिलों में अभी कोरोना का कम संक्रमण भी दिख रहा है, उनके ज्यादा दिन तक कम रहने की संभावना नहीं है। संक्रमण की रफ्तार इसी तरह से रही तो इन जिलों में भी स्थिति विस्फोटक हो सकती है। भूषण के अनुसार यदि राज्यों ने अभी कोरोना के संक्रमण रोकने के लिए कदम नहीं उठाए तो यह विकराल रूप धारण कर सकता है।

जिला स्तर पर नजर रखने की सलाह

भूषण ने जिला स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर बनाकर कोरोना संक्रमण पर नजर रखने और जिलाधिकारी द्वारा दिन में दो बार इसका निरीक्षण करने की जरूरत बताई। उन्होंने राज्य सरकारों को अधिक संक्रमण वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाने और उसके भीतर-बाहर आवाजाही को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने को कहा है। उनके अनुसार यदि कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में ज्यादा संक्रमित पाए जाते हैं तो इसका साफ मतलब है कि कंटेनमेंट के नियमों का सही तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने टेस्टिंग, ट्रैकिंग और क्वारंटाइन के पुराने आजमाए फॉर्मूले को फिर से लागू करने को कहा।

राजेश भूषण ने सभी राज्यों को उन जिलों में उन सभी व्यक्तियों का टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा, जो 45 साल के अधिक उम्र की आयुवर्ग में आते हैं। ध्यान देने की बात है कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में भी इन्हीं कदमों को उठाये जाने की जरूरत बताई थी। लेकिन राज्यों की ओर से इन निर्देशों का पालन नहीं किये जाने के संबंध में पूछे जाने पर राजेश भूषण ने कहा कि कुछ राज्यों ने इसका पालन किया है और अन्य राज्यों से इसके लिए लगातार बात की जा रही है। उनके अनुसार संक्रमण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

भारत में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 56,211 नए मामले सामने आए हैं और 271 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस दौरान 37,028 लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। दिल्ली में आज कोरोना के 992 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं और 4 लोगों की मौत हुई है। दिल्‍ली में कुल केस 660611 हुए हैं और अब तक 11016 की मौत हो चुकी है।