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Delta Plus Variant: डेल्टा प्लस वैरिएंट का मंडरा रहा खतरा, अब तक 12 राज्यों में मिले 51 मामले

Coronavirus Delta Plus Variant LIVE Updates देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ने लगा है। अब तक 12 राज्यों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में देखने को मिले हैं। केंद्र ने सबको जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने के लिए महाभियान शुरू किया है।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 28 Jun 2021 10:32 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jun 2021 06:49 PM (IST)
अब तक 12 राज्यों में पहुंचा डेल्टा प्लस वैरिएंट

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस के बदले रूप डेल्टा प्लस वैरिएंट ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में इस वायरस ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियों में जुटी केंद्र सरकार की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के 50 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं। बताया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कई गुना तेजी से फैलता है। सरकार ने इससे निपटने के लिए टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है। आइए जानते हैं देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर क्या है स्थिति-

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इन राज्यों में स्थिति चिंताजनक

 देश के विभिन्न राज्यों को आपूर्ति प्रदान करने वाली बरेली की प्लाईवुड इंडस्ट्री को कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। अब हालात थोड़े बेहतर होने शुरू हुए थे कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की दस्तक से स्थिति फिर से चिंताजनक होने लगी है। पिछले दिनों महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, गोवा आदि से आर्डर आने शुरू हो गए, लेकिन डेल्टा प्लस के मामले सामने आने के बाद से तीसरी लहर की आशंका जताई जाने लगी। इसका असर प्लाईवुड इंडस्ट्री पर फिर पड़ने लगा है। पिछले दिनों जो बड़े आर्डर दिए गए, उन्हें या तो होल्ड पर रख दिया गया या संख्या कम कर दी गई।

- डेल्टा प्लस के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं। यहां अभी तक 29 केस सामने आए हैं। इसके अलावा, तमिलनाडु में नौ, मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा व कर्नाटक में एक-एक मामले मिले हैं।

- गुरुग्राम में हालांकि अभी तक डेल्टा प्लस वैरिएंट का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, फिर भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) वीरेंद्र यादव ने सभी अधिकारियों को इसके खिलाफ सतर्क रहने के लिए कहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने इससे निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके लिए सभी भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सघन स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को भी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) पोर्टल को अपडेट करने के लिए कहा गया है।

- दिल्ली में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वो बाजारों व सार्वजनिक स्थानों पर नियमित रूप से चेकिंग करें और मास्क व शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।

- न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि देश में हाई अलर्ट स्तरों पर मास्क को अनिवार्य बनाने के साथ-साथ क्यूआर कोड की अनिवार्य स्कैनिंग पर विचार किया जा रहा है ताकि कोरोनो वायरस फैलने के जोखिम को कम करने के प्रयासों में संपर्क ट्रेसिंग को बढ़ावा दिया जा सके।

- एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से निपटने के लिए हमें अतीत से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, जैसा कि अब हम संभावित तीसरी लहर और डेल्टा प्लस जैसे नए वैरिएंट से निपटने के लिए तैयार हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण है कि हम क्या कर सकते हैं। अतीत से हमने जो सबक सीखा है, उस पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमें सोचना होगा कि हम अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को कैसे मजबूत कर सकते हैं। 

- उत्तराखंड के नैनीताल में इस खतरनाक वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क हो गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी विभाग की तरफ से जांच के लिए जिले से भी समय-समय पर 15 सैंपल नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल पुणे को भेजे जाएंगे।

- झारखंड में डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर सख्ती शुरू हो गई है। जिन राज्यों में इस वैरिएंट के संक्रमित मिले हैं, वहां से आने वालों की अनिवार्य रूप से जांच करने को कहा गया है। इसके साथ ही टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों को कोविड अस्पतालाें में भर्ती कराने और 24 घंटे के अंदर कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण

  • इसके सामान्य लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और थकान शामिल हैं।
  • इसके अलावा गंभार लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी और बात करने में तकलीफ शामिल हैं।
  • वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर जो लक्षण बताएं हैं वो हैं- त्वचा पर चकत्ते पड़ना, पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव होना, गले में खराश, स्वाद और सूंघने की क्षमता कम होना, दस्त व सिरदर्द।


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