जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: ट्रेन यात्रियों को दलालों से बचाने एवं टिकट आरक्षण प्रक्रिया को अत्यधिक सहज करने के लिए रेलवे ने कई तरह के उपक्रम किए हैं। रेलवे के पास सबसे ज्यादा ई-टिकटिंग में बढ़ते कदाचार की शिकायतें आ रही थीं। इसे देखते हुए रेलवे ने व्यवस्था को अधिक सुरक्षित बनाया है। इसका असर भी दिखने लगा है। ई-टिकट से जुड़े कदाचार के पंजीकृत मामले में एक वर्ष के भीतर ही 94 प्रतिशत तक कमी आ गई है।

यह भी पढ़े: Fact Check: तुर्किये में भूकंप की पुरानी घटनाओं से संबंधित वीडियो को हालिया बताकर किया जा रहा शेयर

ई-टिकटिंग की दलाली के कई मामले दर्ज

पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान रेलवे में ई-टिकटिंग की दलाली के कुल चार हजार 430 मामले पंजीकृत किए गए थे, किंतु इस वर्ष यह संख्या मात्र 267 है। पिछले वर्ष की तुलना में यह सिर्फ छह प्रतिशत के आसपास है। ई-टिकटिंग में कदाचार के मामले में सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर एवं पश्चिम रेलवे में आती रही हैं। पिछली वर्ष इन दोनों जोन में छह सौ से ज्यादा शिकायतें आई थीं। किंतु इस बार उक्त दोनों जोनों में यह आंकड़ा सौ से भी नीचे है। पिछले वर्ष सबसे कम दक्षिण-पूर्व रेलवे में मात्र 93 एवं उत्तर मध्य में 117 मामले पंजीकृत किए गए थे।

कदाचार को रोकने के स्तर से कई उपाय

ई-टिकट में बढ़ते कदाचार को रोकने के स्तर से कई उपाय किए गए। आईआरसीटीसी की आरक्षण वेबसाइट को अधिक विश्वसनीय एवं व्यावहारिक बनाया गया है। पहले की तुलना में ज्यादा दंड का प्रविधान किया गया है। आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों को अग्रिम एवं तत्काल टिकटों की बुकिंग खुलने के 15 मिनट बाद तक प्रतिबंधित कर दिया गया है। सुबह आठ से 12 बजे के बीच अगर कोई 25 से ज्यादा बार पूछताछ करता है तो उसे भी रोक दिया जाता है। जंक मेल आईडी और पता पर आधारित फर्जी आईडी को भी हटा दिया जाता है। इसी तरह अब आधार से यूजर आईडी के लिंक रहने पर ही कोई महीने में अधिकतम 24 ई-टिकट तक करा सकेगा। अगर लिंक नहीं है तो अधिकतम 12 टिकट कराया जा सकता है।

यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रेलवे टिकट जारी करने की क्षमता को दस गुना बढ़ाने जा रहा है। अभी प्रति मिनट 25 हजार टिकट बुक किया जा सकता है। किंतु नई व्यवस्था में यह संख्या बढ़कर ढाई लाख हो जाएगी। पूछताछ की क्षमता को प्रति मिनट चार लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने की तैयारी है।

यह भी पढ़े: China Super Cow: एक लाख लीटर दूध देगी ‘सुपर काऊ’, वैज्ञानिकों ने दूध की क्वालिटी और गाय की सेहत पर जताई चिंता

Edited By: Amit Singh