गोवा में दिखा इस कांग्रेस विधायक का बागी तेवर
विश्वजीत राणे ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार और रविवार का दिन गंवा दिया।
पणजी, आइएएनएस। गोवा में सरकार बनाने में तत्परता दिखाने से चूकने के बाद कांग्रेस अब अपने विधायकों के बागी तेवर का सामना कर रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ विधायक विश्वजीत राणे ने बगावती सुर छेड़ते हुए कहा, 'समान विचारधारा वाले पार्टी विधायकों को मजबूरन भविष्य में कांग्रेस में बने रहने पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।'
कांग्रेस विधायक ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले में दखल देने की मांग की है। उन्होंने गोवा में सरकार गठन की प्रक्रिया को क्षति पहुंचाने वाले कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। वालपोई के कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने कहा कि कांग्रेस ने हालात को इस तरह उलझाया जैसे उसे गोवा में अपनी सरकार बनानी ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी से मिलकर कांग्रेस में अपने भविष्य पर फैसला करेंगे।
यह भी पढ़ें- राहुल से हस्तक्षेप की मांग के साथ कांग्रेस विधायक ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी
अगर राहुल गांधी दो दिन के अंदर उन्हें जवाब नहीं देते हैं तो उन्हें लगेगा कि वह पार्टी के लिए फिट नहीं हैं। मुझे अपने साथी विधायकों और लोगों के साथ मिलकर अपने अगले कदम पर विचार करना होगा। मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी जवाब देंगे। देखते हैं अगले दो दिनों में क्या होता है। राणे ने कहा कि गोवा में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने में दो दिन गंवा दिए गए थे। इस मामले में पार्टी प्रभारियों ने कुप्रबंधन किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसा ही कहा है। यह अनुभवी लोग हैं लेकिन इन्हें यह पता नहीं कि सरकार गठन के लिए क्या कदम उठाने होते हैं। पर्रीकर दिल्ली से आए और सहजता से संबंधित लोगों से बात की। सरकार बनाने का आंकड़ा जुटाया और सरकार का गठन कर लिया।
यह भी पढ़ें- कांग्रेस MLA पर जमकर बरसे दिग्विजय सिंह, पूछा- कहीं पर्रीकर के साथ कॉफी तो नहीं पी
विश्वजीत राणे ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए शनिवार और रविवार का दिन गंवा दिया। जबकि यह चुनाव परिणाम के बाद 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी और उसे बहुमत के लिए सिर्फ चार और विधायकों का समर्थन चाहिए था। 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में महज 13 विधायकों वाली भाजपा ने फुर्ती दिखाई और गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन हासिल कर लिया। उनके पास दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन था।