VIDEO: कर्नाटक विधानसभा में ही कांग्रेस विधायकों ने लगाया बिस्तर, ईश्वरप्पा के इस्तीफे की हो रही मांग
Congress MLAs protest in Karnataka Assembly कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार देर रात तक काफी विरोध किया और राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा के भगवा ध्वज वाले बयान को लेकर इस्तीफा देने की मांग की।
बेंगलुरू, एएनआइ। कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार देर रात तक काफी विरोध किया और राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा के भगवा ध्वज वाले बयान को लेकर इस्तीफा देने की मांग की। कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने और उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग करने वाले कांग्रेस विधायक आज रात विधानसभा में ही गुजारेंगे। इसके लिए विधायकों ने अपने बिस्तर भी विधानसभा की जमीन पर लगा लिया और लेट गए। कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है।
#WATCH | Bengaluru: Congress MLAs protest overnight in Karnataka Assembly demanding State Minister KS Eshwarappa's resignation over his saffron flag remark
(Video source: Congress) pic.twitter.com/tgA2wwTQuG
— ANI (@ANI) February 17, 2022
कांग्रेस पार्टी के सदस्य सदन में ही जमे रहे। उनका हंगामा और विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया से मुलाकात की।
हाल में ही ईश्वरप्पा ने दावा किया था कि भविष्य में भगवा ध्वज ही राष्ट्रीय ध्वज बन सकता है। विपक्षी पार्टी के विधायकों के हंगामे के कारण गुरुवार दिनभर विधानसभा स्थगित रही। कांग्रेस विधायक सदन में ही रुके रहे। विधायकों के हंगामे के कारण दूसरे दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही ठप रही।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बाद में विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया से मुलाकात कर बातचीत की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। येदियुरप्पा ने कहा, 'हमने करीब दो घंटे तक विपक्षी पार्टी के नेताओं को समझाने की कोशिश की। उनसे कहा कि यहां विधानसभा में न सोएं, लेकिन उन्होंने पहले ही फैसला कर लिया है। स्पीकर ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की। हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। हम कल भी उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे।'