Move to Jagran APP

मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति से मुलाकात, शांती बहाली के लिए तत्काल दखल की मांग

मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंप कांग्रेस ने सूबे के हालात सुधारने के लिए 12 सूत्री मांग रखी सुप्रीम कोर्ट जज से मणिपुर हिंसा की जांच की मांग उठाई। जयराम रमेश ने कहा बांटो और राज करो की नीति सूबे में हिंसा के लिए जिम्मेदार।

By Shashank MishraEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 30 May 2023 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 30 May 2023 11:31 PM (IST)
मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति से मुलाकात, शांती बहाली के लिए तत्काल दखल की मांग
12 सूत्री मांगों पर तत्काल कार्रवाई से ही प्रदेश में अमन-चैन कायम होगा।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने मणिपुर में कई दिनों से जारी गंभीर हिंसा के दौर पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए राज्य में सामान्य हालात की बहाली के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुआई में पार्टी के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर राज्य में जारी हिंसक घटनाओं की जांच एक सुप्रीम कोर्ट के सेवारत या सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच आयोग बनाने का भी मांग की है।

loksabha election banner

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से की मुलाकात

मणिपुर में उपद्रवी हिंसा के बेकाबू होने के लिए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पार्टी ने यह भी कहा है कि आरएसएस-भाजपा की बांटो और राज करो की सियासत राज्य के मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार है। मणिपुर के हालात पर मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में राष्ट्रपति से हुई मुलाकात के दौरान कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें पूर्वोत्तर में शांति और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए 12 सूत्री मांग भी की गई है।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद खरगे ने ट्वीट में कहा कि मणिपुर की असाधारण स्थिति का निवारण कर सामान्य स्थिति को तत्काल बहाल किया जाए इसका आग्रह किया। एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के रूप में कांग्रेस मणिपुर में शांति, सामान्य स्थिति और सद्भाव बहाल करने के लिए किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए हमेशा तैयार है। खरगे ने कहा कि ज्ञापन में की गई 12 सूत्री मांगों पर तत्काल कार्रवाई से ही प्रदेश में अमन-चैन कायम होगा।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार से तत्काल नियंत्रण के लिए सभी संभव उपाय करने को कहें। ज्ञापन में पार्टी ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार को तुरंत सभी राहत शिविरों का प्रबंधन और रखरखाव करे। सभी के लिए उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाएं प्रदान की जाए। मणिपुर राज्य से संबंधित मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों के शाब्दिक भावनाओं की रक्षा की जाए। अलग-अलग समुदायों के बीच गहरी हुई अविश्वास की खाई को सुलह और संवाद के माध्यम से बहाल किया जाए।

खरगे के साथ राष्ट्रपति से मिलने गए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह, पूर्व डिप्टी सीएम गइखंगम, वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशम मेघचंद्र सिंह के साथ सूबे के कांग्रेस प्रभारी भक्तचरण दास शामिल थे।

कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना

कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने राष्ट्रपति से खरगे की हुई मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस में इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि मणिपुर में मौजूदा संकट के लिए आरएसएस-भाजपा की बांटो और राज करो की राजनीति जिम्मेदार है।

आखिरी बार मणिपुर 22 साल पहले तब जला था जब केंद्र में वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार थी और इस बार हालात बद से बदतर हो गए हैं। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि यह खुफिया और प्रशासनिक विफलता ही नहीं मणिपुर में राजनीतिक विफलता भी है। भाजपा की राजनीतिक नीति और नीयत पर प्रहार करते हुए जयराम ने आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.