'सभी 46 सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति दयनीय', NHRC ने केंद्र-राज्य सरकारों को जारी किया नोटिस
मानवाधिकार आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों की अमानवीय स्थिति विभिन्न हितधारकों द्वारा बेहद दयनीय संचालन को दर्शाती है। NHRC ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को कहा कि देशभर में सरकार द्वारा संचालित सभी 46 मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान दयनीय स्थिति में हैं। इसके साथ ही आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी करते हुए उनसे छह हफ्तों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
46 सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति दयनीय
अधिकारियों ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ने यह टिप्पणी पूर्ण आयोग द्वारा ग्वालियर, आगरा व रांची में चार सरकारी अस्पतालों और बाकी 42 अस्पतालों का उसके विशेष प्रतिनिधियों द्वारा पिछले कुछ महीनों में दौरा करने के आधार पर की है। ये दौरे जमीनी स्तर पर स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए किए गए थे।
मानवाधिकार आयोग ने जारी किया बयान
मानवाधिकार आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि सभी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों की अमानवीय स्थिति विभिन्न हितधारकों द्वारा बेहद दयनीय संचालन को दर्शाती है। आयोग के मुताबिक, इन संस्थानों में ठीक हो चुके मरीजों को भी गैरकानूनी रूप से रखा जा रहा है। यही नहीं, इन संस्थानों में डाक्टरों और अन्य स्टाफ की भी भारी कमी है।
मानव तस्करी की घटनाओं को लेकर NHRC ने भेजा था नोटिस
इससे पहले इस साल की शुरुआत में एनएचआरसी ने मानव तस्करी की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार सहित तीन राज्य सरकारों को नोटिस भेजा था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ओडिशा में ब्रह्मपुर रेलवे स्टेशन के रास्ते से मानव तस्करी की कई कथित घटनाओं पर केंद्र, बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश सरकारों सहित रेलवे बोर्ड को नोटिस जारी किया था। सभी से छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया था। एनएचआरसी ने बताया कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें ओडिशा के गंजम जिले में ब्रह्मपुर रेलवे स्टेशन मानव तस्करी के लिए बिहार से आंध्र प्रदेश के लिए एक प्रमुख पारगमन बिंदु बन गया है।
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