राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल को नोटिस भेजकर पिछले साल महानगर में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और गिरफ्तारी के दो मामलों पर एक व्याख्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। कोलकाता पुलिस पर 29 सितंबर और 13 अक्टूबर को उत्तर कोलकाता के अम्हर्स्ट स्ट्रीट में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और गिरफ्तारी के आरोप हैं, जब वे वहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे थे। मामले की सूचना एनएचआरसी को उसी समय दी गई थी और एनएचआरसी ने तुरंत ही कोलकाता पुलिस से एक व्याख्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी।
रिपोर्ट भेजने में देरी को लेकर एनएचआरसी ने मांगा स्पष्टीकरण
हालांकि, अब तक व्याख्यात्मक रिपोर्ट नहीं भेजी गई थी, इसलिए एनएचआरसी ने बुधवार को नगर पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजकर अगले चार सप्ताह के भीतर आयोग को रिपोर्ट भेजने को कहा है। अधिकारियों ने रिपोर्ट भेजने में देरी क्यों की, इस पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में कोलकाता पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी। इस मुद्दे पर नोटिस जारी होने के बाद कहा जा रहा है कि कोलकाता पुलिस एनएचआरसी अधिकारियों की जांच के दायरे में आ गई है।
दक्षिण 24 परगना में हुई हिंसा में पुलिस ने नही की सही से कार्रवाई: AISF
हाल ही में, एनएचआरसी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय को दक्षिण में भांगड़ में इंडियन सेक्युलर फ्रंट(आइएसएफ) के कार्यकर्ताओं पर कथित हमले पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए नई दिल्ली में आयोग के मुख्यालय में तलब किया है। 2021 में राज्य विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद दक्षिण 24 परगना जिला में हिंसा हुई थी।
एनएचआरसी को मामले की जानकारी देते हुए एआईएसएफ ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की उदासीनता का आरोप लगाया है क्योंकि हमला करने वाले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। मालवीय को 27 फरवरी को एनएचआरसी के दिल्ली कार्यालय में पेश होना है।
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