गोवा के गवर्नर से मिलकर आज सरकार बनाने का दावा पेश करेगी कांग्रेस
कांग्रेस आज गवर्नर से भेंट कर गोवा में सरकार बनाने को लेकर अपना दावा पेश करेगी। गवर्नर द्वारा भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने को कांग्रेस ने अपने कानूनी अधिकारों का हनन बताया है।
पणजी (पीटीआई)। गोवा में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस के विधायक दल (सीएलपी) राज्य की गवर्नर मृदुला सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का अपना दावा पेश करेगा। इस दौरान वह सरकार बनाने के तय विधायक अपने साथ होने का दावा करेंगे। यह मुलाकात सुबह दस बजे होनी तय है। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहेंगे। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब भाजपा को सरकार बनाने के लिए कहा गया था तब उन्होंने सरकार बनाने से इंकार कर दिया था क्योंकि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद उस वक्त उनके पास में बहुमत नहीं था, इसके बाद ही आप और कांग्रेस ने मिलकर सरकार का गठन किया था। यही फार्मूला यहां पर भी लागू होता हे।
सीएलपी नेता चंद्रकांत कावलेकर ने बताया कि मंगलवार सुबह इस मुद्दे को लेकर एक बैठक की गई थी। उन्ाके मुताबिक कांग्रेस के पास सरकार बनाने को लेकर उपर्युक्त विधायकों की संख्या हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस राज्य में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है, वहीं भाजपा राज्य की जनता का भरोसा खो चुकी है। लिहाजा गवर्नर को सबसे पहले उन्हें ही सरकार बनाने के लिए बुलाना चाहिए था। इसके उलट गवर्नर ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
कांग्रेस की तरफ से बीती रात भी गवर्नर से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें कांग्रेस को पहले सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने की अपील की गई थी। सीएलपी का कहना है कि उनके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त है और वह इसको सदन में साबित भी कर सकते हैं। उनका कहना था कि उनकी विरोधी पार्टी भाजपा लोगों का भरोसा खो चुकी है। इसके बाद भी वह सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति कर रही है। यह न सिर्फ मौका परस्ती है बल्कि घटिया राजनीति का परिचायक है। सीएलपी नेता कावलेकर का कहना था कि देश का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है।
चंद्रकांत ने कहा कि चुनाव के बाद भाजपा द्वारा किया जा रहा गठबंधन राज्य की जनता द्वारा दिए गए जनादेश के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बनाने के लिए तय विधायक न होने के बाद भी भाजपा को इसके लिए मौका दिया जाना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कांग्रेस ने इस बाबत गवर्नर के फैसले को चुनाैती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी है। इसमें एडिशनल सोलिसिटर जनरल मनिनंदर सिंह सरकार का पक्ष रखेंगे। वहीं मंगलवार शाम को ही मनोहर पर्रिकर को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जानी है।
गौरतलब है कि राज्य में हुए चुनाव के बाद यहां पर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। कांग्रेस को जहां 17 सीटें मिली हैं वहीं भाजपा को 13 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं दूसरी और पिछले चुनाव में भ्ााजपा के साथ रही गौमंतक पार्टी और एमजीपी को तीन-तीन और एक एनसीपी को मिली है। इसके अलावा तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीद्वार जीत कर आए हैं।
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