दवा नहीं, अब कपड़े भगाएंगे रोग
कपड़ा दूर करेगा आपका हर दर्द। चमड़ी रोग से भी दिलाएगा निजात। चिंता व उदासी भी पल भर में हो जाएगी छूमंतर। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक वैज्ञानिक ने तीन वर्षो के शोध के दौरान ऐसे कपड़े तैयार किए हैं, जो दवाओं से निजात दिलाते हुए रोग भगाएंगे। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय स्थित अपैरल एंड टैक्सटाइल साइंस डिपार्टमें
लुधियाना, [आशा मेहता]। कपड़ा दूर करेगा आपका हर दर्द। चमड़ी रोग से भी दिलाएगा निजात। चिंता व उदासी भी पल भर में हो जाएगी छूमंतर। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की एक वैज्ञानिक ने तीन वर्षो के शोध के दौरान ऐसे कपड़े तैयार किए हैं, जो दवाओं से निजात दिलाते हुए रोग भगाएंगे।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय स्थित अपैरल एंड टैक्सटाइल साइंस डिपार्टमेंट की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दविंदर कौर ने करीब तीन वर्षो के शोध से माइक्रो इन कैप्सूलेशन तकनीक के जरिए ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जिसमें ऑयल [तेल] को छोटे-छोटे कोट्स में तोड़ने के बाद कैमिकल की कोटिंग कर कपड़ों में रचा बसा दिया जाता है। जब कोई मरीज इन तेलयुक्त कपड़ों को पहनता है तो बॉडी की रगड़ से हीट पैदा होती है और उस हीट से कपड़ों में इस्तेमाल किया गए तेल से शरीर की प्राकृतिक तौर पर मालिश होती है और राहत मिलती है। इन कपड़ों की विशेषता यह है कि इन्हें किसी भी मौसम में 20 से 25 बार धोकर पहना जा सकता है।
डॉ.दविंदर बताती हैं कि बीमारी के हिसाब से विभिन्न किस्म के तेल युक्त कपड़े तैयार किए गए हैं। ज्वाइंट पेन के लिए सफेदे व जैसमीन के तेल को कपड़ों में मिलाकर घुटनों पर लगाने वाली पट्टियां, गर्दन के कॉलर व हाथों के दस्ताने तैयार किए गए हैं। इसे पहनने से दर्द में आराम मिलता है। अस्थमा पीड़ितों के लिए नींबू व चीड़ के पेड़ के तेल से तैयार कपड़ों से रूमाल, मास्क, तकियों के गिलाफ बनाए गए हैं। जब इन तेलों की खुशबू नाक व मुंह के जरिए शरीर में पहुंचती है तो दवाइयों का काम करती है और इनके रोजाना इस्तेमाल से अस्थमा से राहत मिलती है। ज्यादातर लोग जख्मों को भरने के लिए हल्दी का लेप लगाते हैं।