जज के खिलाफ महाभियोग का मामला: सीजेआइ ने भेजा जवाब
ग्वालियर की जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पद से इस्तीफा दे चुकीं) के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के जज एसके गंगेले को पद से हटाने के लिए शुरू हुई महाभियोग की प्रक्रिया में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) एचएल दत्तू ने अपना जवाब राज्यसभा सभापति को भेज
By Sanjay BhardwajEdited By: Updated: Mon, 06 Apr 2015 12:28 AM (IST)
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ग्वालियर की जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पद से इस्तीफा दे चुकीं) के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के जज एसके गंगेले को पद से हटाने के लिए शुरू हुई महाभियोग की प्रक्रिया में भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) एचएल दत्तू ने अपना जवाब राज्यसभा सभापति को भेज दिया है।
राज्यसभा सभापति ने 58 सांसदों की ओर से भेजे गए नोटिस को स्वीकार करते हुए मार्च में आरोपी जज के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू की थी। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने पूछे गए एक सवाल के जवाब में रविवार को कहा कि उन्होंने राज्यसभा सभापति को अपना जवाब भेज दिया है हालांकि उन्होंने और कोई ब्योरा नहीं दिया। महाभियोग की तय प्रक्रिया के मुताबिक राज्यसभा के सभापति अगर सांसदों की ओर से भेजे गए महाभियोग के नोटिस को स्वीकार करते हैं तो आगे की कार्यवाही लंबित रखकर न्यायाधीश जांच कानून की धारा 3 के तहत तीन सदस्यीय कमेटी गठित करते हैं। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही महाभियोग चलाने की दिशा तय होती है। इस तीन सदस्यीय कमेटी में भारत के मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट का कोई एक जज, किसी भी उच्च न्यायालय के एक मुख्य न्यायाधीश और एक जानेमाने कानूनविद होते हैं।
क्या है मामला ग्वालियर की सत्र अदालत की पूर्व महिला जज ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला जज ने पिछले वर्ष जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने एक जांच कमेटी गठित की थी लेकिन महिला जज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की जांच कमेटी रद कर दी थी और भारत के मुख्य न्यायाधीश से नयी जांच कमेटी गठित करने का अनुरोध किया था।
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने नई कमेटी गठित की थी जिसने अपनी रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश को सौंप कर मामले की गहराई से जांच कराने की जरूरत बताई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इस रिपोर्ट पर मामले की गहराई से जांच करने के लिए तीन जजों की कमेटी गठित की है जो कि फिलहाल जांच कर रही है।पढ़ें : भ्रष्ट जज पर जस्टिस काटजू के एक खुलासे से उठे कई सवाल पढ़ें : न्याय कोई सामान नहीं जो सबसे ऊंची बोली लगाने पर मिले