Move to Jagran APP

ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर अच्छी खबर, नागरिक उड्डयन सचिव ने लाइसेंसिंग को लेकर दिया बड़ा अपडेट

नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने कहा कि ड्रोन के सार्वजनिक व औद्योगिक इस्तेमाल के लिए अलग-अलग नियम बनाए जा रहे हैं। औद्योगिक संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम में सचिव ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल के लिए नियम बनाने का काम चल रहा है।ड्रोन मार्ग के लिए समस्त भौगोलिक एरिया के मैपिंग का काम पूरा हो गया है। सिर्फ 10 प्रतिशत एरिया को रेड जोन में रखा गया है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Published: Tue, 16 Apr 2024 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 11:55 PM (IST)
नागरिक उड्डयन सचिव ने लाइसेंसिंग को लेकर दिया बड़ा अपडेट (Image: Representatives)

राजीव कुमार, नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने कहा है कि ड्रोन के सार्वजनिक व औद्योगिक इस्तेमाल के लिए अलग-अलग नियम बनाए जा रहे हैं और सरकार की मंशा है कि सभी सेक्टर में ड्रोन का समान विकास हो। ड्रोन के पायलट लाइसेंसिंग के नियम को भी आसान बनाया जा रहा है। औद्योगिक संगठन सीआइआइ के एक कार्यक्रम में सचिव ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल के लिए नियम बनाने का काम चल रहा है।

loksabha election banner

एरिया के मैपिंग का काम पूरा

ड्रोन मार्ग के लिए समस्त भौगोलिक एरिया के मैपिंग का काम पूरा हो गया है। सिर्फ 10 प्रतिशत एरिया को रेड जोन में रखा गया है बाकी के 90 प्रतिशत एरिया को ग्रीन जोन में रखा गया है। रेड जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है जबकि ग्रीन जोन में कुछ नियमों के पालन के साथ ड्रोन उड़ाने के लिए किसी की अनुमति नहीं चाहिए। ड्रोन मार्ग का पूरा विवरण ऑनलाइन दिया जा रहा है और भविष्य में इसके ड्रोन पायलट के लाइसेंसिग को और आसान बनाया जाएगा।

भारत में ड्रोन का कारोबार 40 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान

ड्रोन सर्विस व पायलट प्रशिक्षण जैसी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ड्रोन डेस्टिनेशन के एमडी चिराग शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक जीवन में ड्रोन के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना देखते हुए ही वर्ष 2030 तक भारत में ड्रोन का कारोबार 40 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

इनमें से ड्रोन मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 23 अरब डालर तो ड्रोन सर्विस की हिस्सेदारी तो 17 अरब डालर ड्रोन सर्विस की होगी। उन्होंने बताया कि अगले कुछ सालों में कम से कम तीन लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी और ड्रोन के रखरखाव के लिए हजारों की संख्या में टेक्नीशियन की जरूरत होगी। कृषि के अलावा अब ड्रोन का इस्तेमाल रेल, सड़क, बंदरगाह, सर्वेक्षण, मानचित्रण, दूरसंचार, बिजली व लाजिस्टिक जैसे सेक्टर में तेजी से बढ़ने जा रहा है।

यह भी पढ़ें: मॉब लिंचिंग की घटनाएं रोकने के लिए आपने क्या किया, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से पूछे तीखे सवाल

यह भी पढ़ें: Heatwave Warning: इन राज्यों में लू बढ़ाएगी मुसीबत, अगले 5 दिनों तक आपके शहर में कैसा रहेगा मौसम?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.