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चीन के आंख की किरकिरी है चुमार

भारत और चीन के बीच चार हजार किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख का एक छोटा-सा हिस्सा है चुमार। यही चुमार बीते कुछ वक्त से चीनी सेना की उकसाऊ कार्रवाई का केंद्र बन रहा है, जहां हर थोड़े दिन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी भारतीय हद लांघने की कोशिश करती है। संभवत: इसलिए क्योंकि यही वह क्षेत्र हैं, जहां भारत वास्त

By Edited By: Published: Sat, 20 Sep 2014 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Sep 2014 12:10 PM (IST)
चीन के आंख की किरकिरी है चुमार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत और चीन के बीच चार हजार किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लद्दाख का एक छोटा-सा हिस्सा है चुमार। यही चुमार बीते कुछ वक्त से चीनी सेना की उकसाऊ कार्रवाई का केंद्र बन रहा है, जहां हर थोड़े दिन में पीपल्स लिबरेशन आर्मी भारतीय हद लांघने की कोशिश करती है। संभवत: इसलिए क्योंकि यही वह क्षेत्र हैं, जहां भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के मुकाबले अधिक मजबूत स्थिति में है।

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भारतीय निगरानी कैमरों को तोड़ने, वायुसीमा लांघने से लेकर कभी घुड़सवार दस्तों तो कभी सैनिक वाहनों में आकर चीनी सैनिकों के भारत की हद में घुसपैठ की वारदातें चुमार सेक्टर में दर्ज की जाती रही हैं। इलाके से वाकिफ सैन्य जानकारों के मुताबिक इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक मजबूती चीन की आंखों की किरकिरी बन रही है। लिहाजा उसकी कोशिश इस इलाके में अपनी धमक दिखाने की रहती है। सूत्रों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर से चीन का ईस्ट-वेस्ट हाइवे भी भारतीय जद में आता है।

महत्वपूर्ण है कि चुमार, हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र का इलाका है। बीते एक साल के दौरान चुमार सेक्टर में चीन के भारतीय हद लांघने की कई घटनाएं लगातार दर्ज की जाती रही हैं। बीते साल जून में चीनी सैनिक भारतीय हद में लगा निगरानी कैमरा तोड़कर ले गए थे। भारत की ओर से तीखा एतराज जताने के बाद चीन ने उसे लौटाया। इसके अलावा दिसंबर में चीनी सैनिक भारतीय सेना को रसद पहुंचाने वाले कुछ पोर्टरों और उनके पशुओं को पकड़कर ले गए थे, जिन्हें कुछ वक्त बंधक बनाकर रखने के बाद छोड़ा गया।

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