मसूद अजहर पर प्रतिबंध की कोशिश पर चीन ने फिर फेरा पानी
एक नाटकीय घटनाक्रम में गुरुवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध के भारत के प्रयास पर एक बार फिर पानी फेर दिया।
नई दिल्ली। एक नाटकीय घटनाक्रम में गुरुवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध के भारत के प्रयास पर एक बार फिर पानी फेर दिया। मसूद अजहर पठानकोट में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही संयुक्त राष्ट्र की समिति से चीन ने समयसीमा खत्म होने से ठीक पहले आग्रह किया कि वह अपना आदेश रोक ले। जानकारी के मुताबिक अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस समेत 15 में से 14 देश आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के पक्षधर थे, लेकिन चीन ने इन सभी के खिलाफ जाकर इसको गलत बताया। ऐसा दूसरी बार है जब चीन ने मसूद पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है।
इस बीच कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "अगर भारत को लगता है कि चीन पाकिस्तान का समर्थन करना बंद कर देगा तो यह खुद को बेवकूफ बना रहा है।"
बता दें कि दो जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र को तुरंत कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसमें मसूद अजहर का नाम अलकायदा की प्रतिबंध समिति की सूची के तहत लाने की मांग की गई थी। पत्र के साथ इस संगठन के आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने और पठानकोट हमले में उसकी भूमिका के ठोस सुबूत भी भेजे गए थे। भारत ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से कहा था कि अजहर को सूचीबद्ध नहीं करने से इस आतंकी संगठन और इसके नेता से दक्षिण एशिया के देशों को खतरा बढ़ जाएगा।
अब मसूद अजहर से पूछताछ की बारी
भारत की ओर से सौंपे गए सुबूतों के तकनीकी पहलुओं पर आतंकरोधी कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) ने विचार किया। इसके बाद तकनीकी दल ने इसे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से सभी सदस्यों को भेज दिया था। सभी से कहा गया था कि अगर कोई आपत्ति नहीं आई तो समयसीमा खत्म होने के बाद आदेश सुना दिया जाएगा। लेकिन समयसीमा खत्म होने से कुछ घंटों पहले चीन ने आदेश रोकने का आग्रह कर दिया। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, चीन ने यह हरकत पाकिस्तान से सलाह के बाद की है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की इस समिति का सदस्य नहीं है।
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दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश ए मोहम्मद पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मुंबई में आतंकी हमले के बाद भी मसूद अजहर पर प्रतिबंध का भारतीय प्रयास फलीभूत नहीं हो सका था। संयुक्त राष्ट्र के वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्यों में चीन भी एक है और पाकिस्तान की शह पर उसने तब भी मसूद पर प्रतिबंध की अनुमति नहीं दी थी।