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स्कूलों से ही हुनरमंद बनकर निकलेंगे नौनिहाल, नए कोर्स तैयार करने में ली जा रही नामी कंपनियों की मदद

पढ़ाई के साथ देश की नई पीढ़ी को हुनरमंद बनाने की पहल का असर दिखने लगा है। स्कूली स्तर से ही यह मुहिम तेज हुई है। इसके तहत उद्योगों की जरूरत के आधार पर स्किल से जुड़े नए-नए कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 07 Aug 2021 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 08 Aug 2021 12:32 AM (IST)
पढ़ाई के साथ देश की नई पीढ़ी को हुनरमंद बनाने की पहल का असर दिखने लगा है।

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। पढ़ाई के साथ देश की नई पीढ़ी को हुनरमंद बनाने की पहल का असर दिखने लगा है। स्कूली स्तर से ही यह मुहिम तेज हुई है। इसके तहत उद्योगों की जरूरत के आधार पर स्किल से जुड़े नए-नए कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं। जिसमें संबंधित क्षेत्र की नामी कंपनियों की भी मदद ली जा रही है। इस दौरान स्कूलों में स्किल से जुड़े जिन कोर्स को प्रमुखता से शुरू किया जा रहा है, वे डाटा साइंस और कोडिंग हैं। जिसके लिए इस क्षेत्र की बड़ी कंपनी माइक्रोसाफ्ट की मदद ली गई है।

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तेज हुई पहल 

स्कूलों में स्किल से जुड़े कोर्स को शुरू करने की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के आने के बाद ही तेज हुई है, जिसमें वर्ष 2025 तक स्कूलों व उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले पचास फीसद छात्रों को किसी न किसी स्किल से जोड़ने की सिफारिश की गई है जिसके बाद ही रुचि सामने आई है।

स्कूलों ने स्किल के पाठ्यक्रमों को अपनाया

हाल ही में सरकार ने शिक्षा मंत्रालय और स्किल मंत्रालय की जिम्मेदारी एक मंत्री को देकर इस मुहिम को और तेज करने के संकेत दिए हैं। फिलहाल अब तक जो जानकारी सामने आई है उनमें वर्ष 2021-22 के नए शैक्षणिक सत्र में ही देश भर के 12 हजार से ज्यादा स्कूलों ने स्किल के पाठ्यक्रमों को अपनाया है। इनमें सबसे ज्यादा करीब 12 सौ स्कूल अकेले मध्य प्रदेश के ही हैं। बाकी राज्यों में भी इसे लेकर रुझान बढ़ा है।

सीबीएसई ने की यह पहल 

इस बीच सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने अपने से संबद्ध सभी स्कूलों के लिए कोडिंग एवं डाटा साइंस के कोर्स तैयार किए हैं। इनमें कोडिंग की पढ़ाई छठवीं से आठवीं तक होगी, जबकि डाटा साइंस की पढ़ाई आठवीं से होगी। हालांकि ये कोर्स छात्रों की अतिरिक्त दक्षता बढ़ाने वाले और पूरे सत्र में कुल 12 घंटे अवधि के होंगे।

उद्योगों की ली जा रही मदद

इसके साथ ही डाटा साइंस को नौवीं से बारहवीं के बीच एक वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू किया गया है। इसके लिए पाठ्यक्रम तैयार करने में माइक्रोसाफ्ट कंपनी की मदद ली गई है। वहीं स्कूलों के लिए अभी तक जो अन्य कोर्स तैयार किए गए हैं, उनमें कृषि, निर्माण, हेल्थ केयर, टूरिज्म एंड हास्पिटलिटी व टेलीकाम आदि क्षेत्रों से जुड़े हैं। इन कोर्स को भी तैयार करने के लिए इस क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की मदद ली जा रही है। एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक जो भी नए कोर्स डिजाइन किए जा रहे हैं, उनके लिए केंद्रीय व्यवसायिक शिक्षा संस्थान से मंजूरी ली जा रही है। जिसे इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। 


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