नई दिल्ली, एजेंसी। संविधान दिवस के मौके पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु को याद किया। चीफ जस्टिस ने देश की आजादी की रात दिए गए नेहरु के संबोधन को याद किया। उन्होंने कहा, 'अतीत हमसे अभी भी कुछ हद तक हमसे जुड़ा हुआ है और हमें वादों को पूरा करने के लिए काफी कुछ करना है।' इस क्रम में उन्होंने देश की आजादी की रात पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु द्वारा दिए गए भाषण को याद किया।
मार्टिन लूथर किंग जूनियर को भी किया याद
सुप्रीम कोर्ट में आज संविधान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू व चीफ जस्टिस समेत अनेक लोग मौजूद थे। चीफ जस्टिस ने आजादी के पहले हाशिए पर खड़े समुदाय के संघर्ष को बयां करते हुए कहा, ' संविधान की नींव सबसे पहले उन्होंने ही रखी।' चीफ जस्टिस ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर के एक कथन को याद किया। इसमें उन्होंने कहा था, 'ब्रह्मांड का चाप लंबा है लेकिन यह न्याय के आगे झुक जाता है।'
महिलाओं व हाशिए पर जी रहे समाज को बढ़ावा देने की बात
CJI ने जोर देकर कहा कि कानूनी पेशे में महिलाओं व हाशिए पर खड़े समुदाय को आगे बढ़ावा देना होगा। उन्होंने सभी हाई कोर्ट से आग्रह किया कि वे आभासी अदालत की सुविधाओं को खत्म न करें बल्कि इस मॉडल को और मजबूत बनाएं। CJI ने कहा, 'अदालतों को इस तरह से खुद को बनाना होगा कि उनतक लोग नहीं बल्कि वे खुद लोगों तक पहुंचे।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, '1949 में यह आज का ही दिन था जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नींव डाली थी, इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं।'
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