Ch Nageshu Patro: दिन में गेस्ट लेक्चरर तो रात में कुली का काम, कोरोना के बाद कुछ ऐसे बदली पात्रो की जिंदगी
Ch Nageshu Patro दिन में निजी कालेज में गेस्ट लेक्चरर तो रात में कुली का काम... और इन सबके बीच जो टाइम मिलता है उसमें गरीब बच्चों को पढ़ाना... कोविड महामारी ने इस शख्स की पूरी जिंदगी ही बदल दी। कौन है वह शख्स आइए जानते हैं...
भुवनेश्वर, आनलाइन डेस्क। 'हौसलो से मिलता है सफलता का मुकाम, आसान नहीं है इस दुनिया में नाम कमाना', यह लाइन ओडिशा (Odisha) के गंजम जिले (Ganjam District) के रहने वाले 31 वर्षीय सी एच नागेशु पात्रो (CH Nageshu Patro) पर सटीक बैठती है। पात्रो दिन में एक निजी कालेज में गेस्ट लेक्चरर का काम करते हैं, तो वहीं रात में रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए नजर आते हैं। इतना ही नहीं, पात्रो इन सबके बीच गरीब छात्रों को पढ़ाने के लिए समय भी निकालते हैं। उनका खुद का कोचिंग सेंटर है।
2011 से कुली का कर रहे काम
पोस्टग्रेजुएट पत्रो 2011 से कुली के रूप में रजिस्टर्ड हैं। उनकी जिंदगी कोविड महामारी के बाद पूरी तरह से बदल गई। वे बताते हैं, 'अधिकतर ट्रेनें कोविड महामारी के दौरान चलनी बंद हो गई, जिससे मेरे सामने आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया। इस दौरान खाली बैठने की अपेक्षा मैने दसवीं के छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया।
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गरीब बच्चों के लिए खोला कोचिंग सेंटर
पात्रो बाद में आठवीं से बारहवीं कक्षा के बच्चों के लिए एक कोचिंग सेंटर खोला, जहां ज्यादातर गरीब बच्चे आते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं एक कुली के रूप में जो भी कमाता हूं, वह ज्यादातर कोचिंग सेंटर में चार शिक्षकों भुगतान करने पर खर्च होता है।'
हिंदी और उड़िया पढ़ाते हैं पात्रो
पात्रो कोचिंग सेंटर में हिंदी और उड़िया पढ़ाते हैं। अन्य विषय को पढ़ाने के लिए उन्होंने शिक्षकों को नियुक्त किया है। वह एक कुली के रूप में काम करके हर महीने 10 हजार रुपये से 12 हजार रुपये तक कमाते हैं। पात्रो अपने शिक्षकों को दो हजार हजार से तीन हजार रुपये के बीच भुगतान करते हैं।
कालेज से हर महीने कमाते हैं 8 हजार रुपये
पात्रो कालेज से भी प्रति माह लगभग 8 हजार रुपये कमाते हैं। अतिथि व्याख्याता यानी गेस्ट लेक्चरर के रूप में प्रत्येक कक्षा के लिए उन्हें 200 रुपये मिलते हैं। एक सप्ताह में वह अधिकतम सात कक्षाएं ले सकते हैं।
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