चीनी के निर्यात पर सरकार ने लगाया 20 फीसद शुल्क, लगेगी कीमत पर लगाम
चीनी के मूल्य में तेजी की संभावना को देखते हुए सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात पर 20 फीसद का शुल्क लगा दिया है। इससे चीनी के निर्यात पर रोक लगनी तय है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। महंगाई के सिर उठाते ही सरकार ने पूरी ताकत से हल्ला बोल दिया है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। रसोई की खास जिंस चीनी के मूल्य में आने वाले दिनों में तेजी की संभावना को देखते हुए सरकार ने तत्काल प्रभाव से निर्यात पर 20 फीसद का शुल्क लगा दिया है। इससे चीनी के निर्यात पर रोक लगनी तय है। इसी तरह चना के वायदा कारोबार में नया कांट्रेक्ट लाने से कमोडिटी एक्सचेंजों को रोक दिया गया है।
22 जून को इतिहास रचेगा इसरो, रिकॉर्ड 20 सेटेलाइट एक साथ करेगा लॉन्च
चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र व कर्नाटक में सूखे की वजह से गन्ने की खेती के प्रभावित होने से चीनी के उत्पादन में कमी आने की आशंका है। आगामी चीनी सीजन में गन्ने की पैदावार कम होने के अनुमान को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने पिछले दिनों ही अपने एक ट्वीट में चीनी विदेश भेजने पर प्रतिबंध लगाने की जगह निर्यात पर 25 फीसद शुल्क लगाने के संकेत दिए थे। लेकिन सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में निर्यात शुल्क को 20 फीसद रखा गया है।
ब्रिटेन की महिला सांसद जो कॉक्स की एक हमले में मौत
बाजार नियामक सेबी ने दलहन की प्रमुख फसल चना के नए वायदा कांट्रेक्ट जारी करने पर रोक लगा दी है। हालांकि मौजूदा कांट्रेक्ट एक्सपायरी तक जारी रहेंगे। सेबी के इस फैसले से दालों के मूल्य में तेजी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
पठानकोट हमला: आतंकियों को निर्देश देने वाले ने छोड़ा पाक, पहुंचा अफगान
गेहूं पर आयात शुल्क रहेगा जारी सरकार ने एक अन्य फैसले में गेहूं के आयात पर लगाए गए 25 फीसद के शुल्क को हटाने की जगह उसकी अवधि को सालभर के लिए और बढ़ा दिया है। यह अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है। इससे गेहूं आयात की संभावना खत्म हो गई है। घरेलू बाजार में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक होने की वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है। इससे घरेलू किसानों को गेहूं का बेहतर मूल्य मिल सकेगा।
गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड मामले के 24 दोषियों की सजा का एेेलान कल