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केंद्र ने ईडी निदेशक संजय मिश्र को 15 अक्टूबर तक कार्य विस्तार देने का सुप्रीम कोर्ट से किया अनुरोध

11 जुलाई के आदेश में संशोधन कर ईडी निदेशक संजय मिश्रा को 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने की इजाजत मांगने वाली अर्जी में सरकार ने कहा है कि एफएएफ की समीक्षा बहुत महत़्वपूर्ण दौर में है ऐसे में अचानक संजय मिश्र को हटाना देश हित में नहीं होगा। एफएटीएफ की नकारात्मक रिपोर्ट से भारत की वैश्विक स्थिति और आर्थिक हालात प्रभावित हो सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 27 Jul 2023 12:21 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jul 2023 12:21 AM (IST)
बुधवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट से अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ईडी निदेशक संजय मिश्र के मामले में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। केंद्र सरकार ने फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की जारी समीक्षा का हवाला देते हुए ईडी निदेशक संजय मिश्र को 15 अक्टूबर तक के लिए अपने पद पर बने रहने देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है।

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कोर्ट ने नए ईडी निदेशक की नियुक्ति सुनिश्चित करने कही बात

बुधवार को केंद्र सरकार ने कोर्ट से अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले को गुरुवार को सुनवाई पर लगाने की मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने गत 11 जुलाई के फैसले में ईडी निदेशक संजय मिश्र के दो कार्यकाल विस्तार को अवैध करार देते हुए उन्हें 31 जुलाई तक ही पद पर रहने का आदेश दिया था और सरकार से कहा था कि वह इस बीच नये ईडी निदेशक की नियुक्ति सुनिश्चित करे।

कोर्ट ने 27 जुलाई, 3.30 पर सुनवाई करने की दी मंजूरी

31 जुलाई में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। बुधवार को सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीआर गवई, हिमा कोहली और प्रशांत कुमार की पीठ के समक्ष अर्जी का उल्लेख करते हुए कोर्ट से मामले पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। मेहता ने कहा कि मामले की अर्जेन्सी को देखते हुए अर्जी पर 28 जुलाई को सुनवाई कर ली जाए। उनके अनुरोध पर कोर्ट ने मामले पर गुरुवार को 3.30 पर सुनवाई करने की मंजूरी दे दी।

अचानक संजय मिश्र को हटाना देश हित में नहीं होगा: सरकार

11 जुलाई के आदेश में संशोधन कर ईडी निदेशक संजय मिश्रा को 15 अक्टूबर तक पद पर बने रहने की इजाजत मांगने वाली अर्जी में सरकार ने कहा है कि एफएएफ की समीक्षा बहुत महत़्वपूर्ण दौर में है ऐसे में अचानक संजय मिश्र को हटाना देश हित में नहीं होगा। एफएटीएफ की नकारात्मक रिपोर्ट से भारत की वैश्विक स्थिति और आर्थिक हालात प्रभावित हो सकते हैं।

नए निदेशक के चयन प्रक्रिया में हो रही देरी का सरकार ने अर्जी में दिया हवाला

इसके साथ ही सरकार ने ईडी के नये निदेशक के चयन प्रक्रिया में हो रही देरी का भी अर्जी में हवाला दिया है। गत 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय मिश्र के दो सेवा विस्तार को अवैध करार दिया था लेकिन नए निदेशक के चयन के लिए सरकार को समय देते हुए 31 जुलाई तक मिश्र को पद पर बने रहने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने भारत के एफएटीएफ की समीक्षा के कारण संजय मिश्र के सेवा विस्तार की सरकार की दलील को खारिज कर दिया था, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और सीबीआइ समेत छह वरिष्ठ अधिकारियों के दो साल के सुनिश्चित कार्यकाल के बाद भी एक-एक साल के लिए तीन बार सेवा विस्तार देने के कानून को वैध बताया ठहराया था।

पहले अपने फैसले में क्या कहा था कोर्ट ने?

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में संजय मिश्र के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट के ही आठ सितंबर 2021 के फैसले के विरूद्ध बताते हुए इसे अवैध करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 2021 के फैसले में संजय मिश्र को दो साल के सुनिश्चित कार्यकाल के बाद मिले एक साल के सेवा विस्तार को अवैध करार दिया गया था। लेकिन सरकार ने सीवीसी कानून में संशोधन कर इसे वैध ठहरा दिया था।

कोर्ट ने फैसले में कहा था कि सरकार को कानून में संशोधन कर अधिकारियों की नियुक्ति और सेवा विस्तार देने का अधिकार है। लेकिन संजय मिश्र के पहले सेवा विस्तार को अवैध करार देने के बाद उन्हें दो बार और सेवा विस्तार देने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।


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