नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि ओबीसी नानक्रीमी लेयर के सामुदायिक सदस्यों का दर्जा निर्धारित करने के लिए मौजूदा सालाना आय की आठ लाख रुपये की सीलिंग पर्याप्त है। सरकार ने स्पष्ट किया कि इसकी कैप को बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

सालाना आय की सीमा को अब तक चार बार बदला जा चुका: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री वीरेंद्र कुमार ने मंगलवार को निचले सदन को बताया कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नानक्रीमी लेयर के दर्जे को निर्धारित करने के लिए सालाना आय की सीमा को अब तक चार बार बदला जा चुका है।

सीलिंग आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी जाएगी

कांग्रेस सदस्य डीन कुरियाकोस ने सदन में सरकार से पूछा था कि क्या अगला वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ओबीसी नानक्रीमी लेयर की सालाना आय की मौजूदा सीलिंग आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी जाएगी। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओबीसी नानक्रीमी लेयर की सालाना आय की सीलिंग में बदलाव करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, चूंकि मौजूदा आय सीमा को ही पर्याप्त माना जा रहा है।

बदलाव की कोई सिफारिश नहीं मांगी

सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण विभाग ने आधिकारिक रूप से भी राष्ठ्रीय पिछड़ा आयोग से मौजूदा क्रीमीलेयर के मानदंडों में बदलाव की कोई सिफारिश नहीं मांगी है। उन्होंने बताया कि आठ सितंबर, 1993 को ओबीसी आरक्षण योजना शुरू करने के समय सालाना आय की सीमा को एक लाख रुपये निर्धारित किया गया था। उसके बाद इसे छह लाख रुपये और फिर सितंबर, 2017 में आठ लाख रुपये कर दिया गया था।

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Edited By: Ashisha Singh Rajput