सीबीआइ ने 14 राज्यों के मेडिकल काउंसिल और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ शुरू की जांच
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मानकों के अनुसार एक विदेशी मेडिकल स्नातक को नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन की ओर से आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य है। इसके बाद ही उन्हें नेशनल मेडिकल कमिशन या राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से प्रोविजिनल या स्थायी पंजीकरण मिलता है।
नई दिल्ली, पीटीआई। सीबीआइ ने 14 राज्यों के मेडिकल काउंसिल और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इन विदेशी छात्रों को फारेन मेडिकल ग्रेजुएट एक्जाम (एफएमजीई) की परीक्षा पास किए बगैर ही मरीजों का इलाज करने की अनुमति दे दी गई थी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मानकों के अनुसार एक विदेशी मेडिकल स्नातक को नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन की ओर से आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य है।
प्रोविजिनल या स्थायी पंजीकरण
इसके बाद ही उन्हें नेशनल मेडिकल कमिशन या राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से प्रोविजिनल या स्थायी पंजीकरण मिलता है। अधिकारियों ने बताया कि है कि सीबीआइ ने राज्य चिकित्सा परिषद, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया और 73 विदेशी चिकित्सा ग्रेजुएट के खिलाफ भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया है। नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन ने स्वास्थ्य मंत्रालय को बताया है कि रूस, यूक्रेन, चीन और नाइजीरिया से आए 73 विदेशी मेडिकल छात्रों ने वर्ष 2011-22 के बीच स्क्रीनिंग परीक्षा नहीं दी है।
बावजूद इसके उन्हें विभिन्न राज्यों की मेडिकल काउंसिलों से पंजीकरण हासिल हो गया है। सीबीआइ ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की शिकायत पर ऐसे अयोग्य चिकित्सकों के फर्जी पंजीकरण से देश के नागरिकों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
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