कैंसर से गड़बड़ा सकती है शरीर की जैविक घड़ी
अमेरिका की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना के शोधकर्ताओं ने नए शोध में पाया कि कैंसर सेल्स प्रोटीन सिंथेसिस को धीमा करने के लिए यूपीआर सोख लेती हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। कैंसर का शरीर की जैविक घड़ी पर भी असर पड़ सकता है। नए शोध में पाया गया है कि कैंसर सेल्स प्रोटीन सिंथेसिस को नियंत्रित कर शरीर की आंतरिक घड़ी को अवरुद्ध कर देती हैं। इससे ट्यूमर की वृद्धि तेजी से होने लगती है। इस शोध से कैंसर के मौजूदा उपचार के तरीकों को और प्रभावी बनाने में मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, ट्यूमर के बढ़ने और शरीर के दूसरे हिस्से तक फैलाव के लिए कैंसर सेल्स को न्यूलिक एसिड और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इससे कैंसर कोशिकाएं अपनी प्रतिकृति तैयार कर सकती हैं। जब सामान्य और कैंसर सेल्स अपने प्रोटीन का संश्लेषण करने लगती हैं तो इनमें से कुछ मात्रा में प्रोटीन अस्तव्यस्त हो जाता है।
अमेरिका की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना के शोधकर्ताओं ने नए शोध में पाया कि कैंसर सेल्स प्रोटीन सिंथेसिस को धीमा करने के लिए यूपीआर सोख लेती हैं। वे अस्तव्यस्त प्रोटीन को नियंत्रित करने के लिए जरूरत के हिसाब से इसका उपयोग करती हैं।
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