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11 वर्षों के बाद जम्‍मू कश्‍मीर में बीएसएफ ने किया फ्लैग मार्च

जम्‍मू कश्‍मीर में करीब 11 वर्षों के बाद एक फिर बीएसएफ ने फ्लैग मार्च किया। इसके साथ ही बीएसएफ ने सीआरपीएफ के साथ मिलकर राज्‍य में शांति लाने की कवायद शुरू कर दी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 03:47 AM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 05:33 AM (IST)

श्रीनगर (जागरण संवाददाता)। वादी में हड़ताल, कर्फ्यू प्रशासनिक पाबंदियों के बीच हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस व केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ अब सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने भी कमर कस ली है। सोमवार को लालचौक में बीएसएफ के एक दस्ते ने करीब 11 साल बाद फ्लैग मार्च किया। इस बीच, केंद्र ने कश्मीर में हालात सामन्य बनाने के लिए बीएसएफ की 26 और कंपनियों को भेजने का फैसला किया है, जो गुजरात, राजस्थान व पश्चिती बंगाल से दो-तीन दिन में कश्मीर पहुंच जाएंगी। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा में लगे 30 हजार अन्य जवानों को भी घाटी में तैनात किया जाएगा।

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गौरतलब है कि वर्ष 2005 के बाद यह पहला मौका है जब बीएसएफ ने लालचौक पर मार्च किया है। वादी में आतंकवाद बढ़ने पर इससे निपटने के लिए बीएसएफ ने कमान संभाली थी। इसके बाद वर्षो तक आतंकियों से लोहा लेने के बाद 2005 में बीएसएफ को सीमाओं की सुरक्षा के लिए सीमांत क्षेत्रों में भेज दिया गया था। उनके स्थान पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ने वादी के अन्य क्षेत्रों समेत श्रीनगर में कमान संभाली थी। उसके बाद आज तक कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ काम कर रही है।

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अलबत्ता, हिज्ब कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद उपजी हिंसा के चलते जहां वादी के कुछ क्षेत्रों विशेषकर दक्षिणी कश्मीर में सेना ने गश्त तेज कर दी है। वहीं, श्रीनगर में भी बीएसएफ ने अपनी उपस्थिति दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को इसकी पुष्टि तब हुई जब डलगेट इलाके से रिगल चौक तक बीएसएफ के दस्ते ने मार्च किया और करीब दो घंटे तक सड़कों पर रहने के बाद यह दस्ता वापस चला गया।

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