असम में राजनाथ का हिंदू शरणार्थी कार्ड
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी का कार्ड खेल दिया। बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर हिंदुस्तान आए हिंदुओं को राजनाथ ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने पर हिंदू शरणार्थी का दर्जा देने का एलान कर असम की 14 सीटों पर दावा ठोका। असम के पिछड़ेपन के मुद्दे पर
[आशुतोष झा], करीमगंज (असम)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थी का कार्ड खेल दिया। बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर हिंदुस्तान आए हिंदुओं को राजनाथ ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने पर हिंदू शरणार्थी का दर्जा देने का एलान कर असम की 14 सीटों पर दावा ठोका। असम के पिछड़ेपन के मुद्दे पर यहां से राज्यसभा में सांसद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी हमला बोला।
भाजपा अध्यक्ष ने अपनी पहली औपचारिक चुनावी रैली असम से कर इस राज्य से अपनी अपेक्षाएं जाहिर कर दी हैं। राज्य में भाजपा के पास फिलहाल चार सीटें हैं, जिसे पार्टी दोगुने तक ले जाना चाहती है। बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे से सरगर्म रहने वाली असम की सियासत में भाजपा हमेशा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है। शायद यही वजह थी कि राजनाथ ने अपनी पहली रैली के लिए बांग्लादेश से सटे करीमगंज को चुना। यहां नदी की धारा ही दोनों देशों की सीमा अलग-अलग करती है। बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए राजनाथ ने कहा कि 1947 में धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ था। विभाजन भाजपा ने नहीं कांग्रेस के लोगों ने कराया था। असम में बदले जनसंख्या समीकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि ऐसा बदलाव विभाजन का सबब बना है।
राजनाथ ने बांग्लादेश के हिंदू घुसपैठियों को शरणार्थी का दर्जा देने की जरूरत करार देते हुए राजग सरकार बनने पर इसे लागू करने का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि अगर परेशान होकर वहां से कोई हिंदू भारत आ रहा है तो उसे हम शरणार्थी का दर्जा देंगे। बाकी कोई काम करने आए और लौट जाए तो आपत्ति नहीं है। असम में पहले ही दिन तीन सभाओं में राजनाथ ने घुसपैठ और हिंदू शरणार्थी वाले मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। राजनाथ ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री कई साल से यहां से राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन जनता को उन्होंने क्या दिया? भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्रों रायबरेली और अमेठी में लाखों-करोड़ के निवेश का मुद्दा उठाया। उन्होंने कटाक्ष किया प्रधानमंत्री जिस राज्य से चुनकर आते हैं और 14 संसदीय क्षेत्र हैं क्या 28 हजार करोड़ भी नहीं दे सकते।
गरीबी घटाने के केंद्र के दावे पर भड़के राजनाथ
विशेष संवाददाता, डिब्रूगढ़। गरीबी व गरीबों की संख्या घटाने का दावा करने वाली केंद्र सरकार पर भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह जमकर बरसे। कांग्रेस के इस दावे पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने पूछा कि फिर ऐसे में सब्सिडी क्यों बढ़ती जा रही है। खजाने का बड़ा हिस्सा कहां खर्च हो रहा है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल में साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। खजाने की हालत खस्ता है, जिसे सुधारने के लिए सरकारी प्रयास नहीं हुए। संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार होते रहे और सरकार के मुखिया उसे देखते रहे। उन्होंने एलान किया कि भाजपा शासन में किसी सरकार के मुखिया पर अगर इस तरह के आरोप लगे तो उसे एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं होगा। भाजपा की यही रीति व नीति रही है।