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दिल्‍ली चुनाव: भाजपा के विज्ञापनों पर आप, कांग्रेस ने उठाए सवाल

दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के प्रचार का दौर तो खत्‍म हो गया, लेकिन पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्‍यारोप का सिलसिला नहीं थमा है। चुनाव से ठीक एक दिन पहले आम आदमी पार्टी ने न्‍यूज पेपरों में भाजपा के विज्ञापन पर सवाल खड़े किए है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष गुप्‍ता ने

By T empEdited By: Published: Fri, 06 Feb 2015 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 06 Feb 2015 12:18 PM (IST)
दिल्‍ली चुनाव: भाजपा के विज्ञापनों पर आप, कांग्रेस ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार का दौर तो खत्म हो गया, लेकिन पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला नहीं थमा है। चुनाव से ठीक एक दिन पहले आम आदमी पार्टी ने न्यूज पेपरों में भाजपा के विज्ञापन पर सवाल खड़े किए हैं। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष गुप्ता ने भाजपा के इन विज्ञापनों को 'आचार संहिता का उल्लंघन' बताया है। उधर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी भाजपा के पोस्टरों पर सवाल उठाया है।

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आप आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। आशुतोष ने ट्वीट में लिखा है कि आखिर भाजपा के पास इतने महंगे विज्ञापनों के लिए पैसा कहां से आया? इसके साथ ही उन्होंने कई अखबारों के मुख्य पेज की फोटो भी ट्विटर पर डाली है।

आशुतोष ने भाजपा के विज्ञापनों को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है। उन्होंने पूछा है, 'दिल्ली विधानसभा के लिए प्रचार समाप्त हो गया है। टीवी में विज्ञापन पर रोक है, फिर अखबारों में ऐसे विज्ञापन कैसे दिए जा सकते हैं। चुनाव आयोग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।'

भाजपा के विज्ञापनों को 'आप' नेता योगेन्द्र यादव ने मजाक बताया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'प्रचार खत्म, अब कोई स्पीकर, बैनर, फोन और मैसेज नहीं। लेकिन भाजपा के विज्ञापनों को देखिए, क्या यह मजाक है?'

उधर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भाजपा के विज्ञापन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है, 'अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे मोदी सरकार के आठ महीनों के काम का जनमत संग्रह नहीं माना जाएगा, तो फिर भाजपा के विज्ञापनों में क्यों मोदी सरकार के काम की चर्चा की जा रही है।'

इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यह कह चुके हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे मोदी सरकार के काम का जनमत संग्रह नहीं होगा। उनका कहना है कि राज्य के चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा लड़े जाते हैं। हालांकि अमित शाह यह जरूर मानते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर बिहार विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा।

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