भटकल को लग गई थी गिरफ्तारी की भनक
सुरक्षा एजेंसियां यदि सतर्क नहीं होतीं, तो आतंकी सरगना यासीन भटकल हर बार की तरह इस बार भी बच निकलता। खुफिया ब्यूरो (आइबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भटकल को एजेंसियों की गतिविधियों पर संदेह हो गया था और वह पिछले 15 दिनों से अपने कमरे से बाहर नहीं निकला था। ऐसे में एजेंसियों ने तत्काल कार्रवाई कर उस
नई दिल्ली [नीलू रंजन]। सुरक्षा एजेंसियां यदि सतर्क नहीं होतीं, तो आतंकी सरगना यासीन भटकल हर बार की तरह इस बार भी बच निकलता। खुफिया ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भटकल को एजेंसियों की गतिविधियों पर संदेह हो गया था और वह पिछले 15 दिनों से अपने कमरे से बाहर नहीं निकला था।
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ऐसे में एजेंसियों ने तत्काल कार्रवाई कर उसे गिरफ्तार करने का फैसला किया। एजेंसियां इस गिरफ्तारी को गोपनीय रखना चाहती थीं, लेकिन यह खबर लीक हो गई। इसके लिए एनआइए के अधिकारी लोकनाथ बेहरा को जिम्मेदार पाया गया और उन्हें मूल कैडर में वापस भेज दिया गया।
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बेहरा वही अधिकारी हैं, जिनके नेतृत्व में एनआइए की टीम ने मुंबई हमले के लिए रेकी करने वाले लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से शिकागो में पूछताछ की थी।
आइबी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जैसे ही एजेंसियों को दिल्ली में भटकल की पत्नी को पत्र आने और उसमें 12 हजार रुपये रखे होने की जानकारी मिली, नेपाल के पोखरा में उसकी तलाश शुरू हो गई। इसके लिए खासतौर पर भटकल को पहचानने वाले अधिकारियों को लगाया गया। लेकिन बार-बार नाम और पहचान बदलने वाले भटकल को लेकर अंतिम समय तक आशंका बनी रही। बाद में चुपके से भटकल की तस्वीर खींच कर कर्नाटक भेजी गई। जहां उसके चेहरे के निशानों के आधार पर उसकी पहचान सुनिश्चित की गई। हालांकि उसे भटकल के साथ असदुल्ला अख्तर के होने की जानकारी नहीं थी।
एजेंसियां भटकल के साथ मिलने आने वाले लोगों की पहचान कर आतंकी नेटवर्क की तह तक पहुंचना चाहती थीं। लेकिन एजेंसियों की हलचल से सतर्क हुए भटकल ने अचानक बाहर निकलना बंद कर दिया। पंद्रह दिनों तक न तो आतंकी सरगना बाहर निकला और न ही उससे कोई मिलने आया। ऐसे में ऑपरेशन चलाकर भटकल को भारत लाने का फैसला किया गया। भारी बारिश के बीच दो जीपों में सवार आइबी अधिकारी भटकल और असदुल्ला को हिरासत में लेकर भारतीय सीमा में पहुंचने में सफल रहे। लेकिन भारतीय सीमा में पहुंचने के बाद भी आइबी के अधिकारी भटकल की गिरफ्तारी को छुपाए रखने के पक्ष में थे, ताकि उससे जुड़े आतंकी सतर्क नहीं होने पाएं। लेकिन गिरफ्तारी में एनआइए को शामिल करने से खबर लीक हो गई। अंदरूनी तहकीकात के बाद इस लीक के लिए एनआइए के पुलिस महानिरीक्षक लोकनाथ बेहरा को जिम्मेदार पाया और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने तत्काल बेहरा को वापस मूल कैडर केरल भेजने का आदेश जारी कर दिया।
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