नेतन्याहू की अपील, आतंक के खिलाफ एक हों लोकतांत्रिक देश
रायसीना डायलाग को भारत में कूटनीति, आतंकवाद व अन्य वैश्विक समस्याओं पर चर्चा का महाकुंभ कहा जा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत की छह दिवसीय यात्रा पर आये इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कट्टर इस्लाम और आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया है और दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक देशों से आग्रह किया है कि वे इस चुनौती से निपटने के लिए एक हो।
भारत की छह दिवसीय यात्रा पर पहुंचे नेतन्याहू ने मंगलवार को नई दिल्ली में रायसीना डायलाग का शुभारंभ किया। रायसीना डायलाग को भारत में कूटनीति, आतंकवाद व अन्य वैश्विक समस्याओं पर चर्चा का महाकुंभ कहा जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस समारोह के लिए नेतन्याहू का स्वागत किया और जब इजरायली पीएम भाषण दे रहे थे तब मोदी श्रोताओं की पहली पंक्ति में बैठे थे।
अपने 20 मिनट के बेहद सारगर्भित भाषण में नेतन्याहू ने न सिर्फ यह बताया कि एक छोटा सा देश इजरायल किस तरह से आज दुनिया में एक बड़ी ताकत बन गया बल्कि भारत, यहां की जनता और पीएम मोदी के प्रति अपनी गर्मजोशी दिखाने में भी कोई कमी नहीं की। घरेलू राजनीति में दक्षिणपंथी नेता माने जाने वाले नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल के सामने मजबूत राष्ट्र बनने के अलावा कोई चारा नहीं था। क्योंकि एक मजबूत ही आगे बढ़ता है और मजबूत के साथ ही शांति की कोशिश की जाती है। कमजोर खत्म हो जाता है। ऐसे में इजरायल ने सबसे पहले सैन्य ताकत हासिल की, फिर उसने आर्थिक ताकत हासिल की और अब राजनीतिक ताकत हासिल करने की कोशिश कर रहा है। मूल्यों को उन्होंने चौथी शक्ति करार दी और लोकतंत्र को किसी देश की ताकत की सबसे मजबूत मूल्य करार दिया।
भारत में मिले आवभगत से अभिभूत नेतन्याहू ने पीएम मोदी की मित्रता के गुणगान में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि इजरायल भारत के प्रति प्राकृतिक तौर पर एक आदर व भाव रखता है। यह एक प्राकृतिक दोस्ती की तरह है। मोदी को एक महान राजनयिक बताते हुए कहा कि वे जिस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं उसके वे भी मुरीद हैं। भारत को एक और सीख उन्होंने यह दी कि आने वाला कल सिर्फ उन्हीं का होगा जो ज्यादा से ज्यादा नई तकनीकी के लिए शोध विकास करेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुभारंभ कार्यक्रम का धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया।
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