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Bengaluru: फर्जी पहचान पत्र, आधार, पैन कार्ड बनाने के आरोप में तीन गिरफ्तार, मंत्री सुरेश बीएस से जुड़ सकता है 'लिंक'

बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा ने शनिवार को कहा कि उसने अपने कंप्यूटर का उपयोग करके अपनी दुकान में फर्जी मतदाता पहचान पत्र आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस दस्तावेज पैन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सीसीबी ने कहा कि मौनेश कुमार भगत और राघवेंद्र पर 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया था।

By AgencyEdited By: Shalini KumariPublished: Sat, 21 Oct 2023 05:06 PM (IST)Updated: Sat, 21 Oct 2023 05:06 PM (IST)
फर्जी पहचान पत्र, आधार, पैन कार्ड बनाने के आरोप में तीन गिरफ्तार

पीटीआई, बेंगलुरु। बेंगलुरु की केंद्रीय अपराध शाखा ने शनिवार को कहा कि उसने अपने कंप्यूटर का उपयोग करके अपनी दुकान में फर्जी मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दस्तावेज, पैन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को आशंका है कि उनमें से एक मंत्री सुरेश बी.एस से जुड़ा हो सकता है।

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मंत्री के साथ मिली मौनेश की तस्वीरें

सीसीबी ने कहा कि मौनेश कुमार, भगत और राघवेंद्र पर 19 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया था और बाद में उन्हें इन दस्तावेजों को मूल दिखाकर ऊंची कीमतों पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें सरगना मौनेश कुमार को मंत्री सुरेश बीएस के साथ दिखाया गया है, जिन्हें बिरथी सुरेश के नाम से जाना जाता है। मंत्री के पास शहरी विकास और नगर नियोजन विभाग है।

तस्वीरों में मंत्री सुरेश, मौनेश को मिठाई खिलाते दिख रहा है। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक शुभकामना संदेश में सरगना को मंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए दिखाया गया है। ग्रीटिंग में मंत्री और आरोपी की तस्वीर थी। मालूम हो कि ये गिरफ्तारियां लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुई हैं।

मंत्री ने इस दावे पर दी प्रतिक्रिया

गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री सुरेश ने कहा कि हर दिन सुबह से 400 से 500 से अधिक लोग उनसे मिलने आते हैं और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाते हैं, और अगर हर कोई खुद को उनके करीब कहता है तो वह क्या कहेंगे। बेंगलुरु के एक पूर्व पार्षद का उदाहरण देते हुए, जो कथित तौर पर जबरन वसूली में शामिल था, उन्होंने कहा, "अगर मेरा उनके साथ कोई लेन-देन या कुछ और था, तो मैं इसे निकटता कह सकता हूं।" आरोपी के पास पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री के साथ तस्वीरें थीं और एक स्थानीय विधायक के साथ की भी तस्वीरें उसके पास से बरामद हुई थी।

तस्वीर मिलने पर जिम्मेदार ठहराना सही?

सुरेश ने कहा, "अगर कोई मेरे साथ तस्वीर लेता है और कुछ गलत करता है, तो क्या मुझे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? यह सच्चाई से बहुत दूर है।" जब उन्हें बताया गया कि सीसीबी पुलिस ने उनके साथ मौनेश की तस्वीर जारी की है, तो बिरथी सुरेश ने कहा, "मुझे इसके बारे में नहीं पता। मुझे इससे कोई समस्या नहीं है। किसी को भी जितनी संभव हो उतनी तस्वीरें डालने दीजिए। पुलिस हमारी है (हमारी सरकार के अधीन), सीसीबी हमारी है और केंद्रीय पुलिस और वे सभी भी हमारे हैं। जिन्होंने गलत किया उन्हें फांसी पर लटका दो।"

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जिसने गलत किया, उसे सजा दो

मंत्री ने आरोपियों की गिरफ्तारी और रिहाई को लेकर भी खास प्रतिक्रिया नहीं दी। जब उनसे पूछा गया कि क्या गिरफ्तार किए गए लोग उनके परिचित हैं, तो उन्होंने कहा कि सभी लोग उन्हें जानते हैं। उन्होंने कहा, "कर्नाटक के पूरे सात करोड़ लोग मुझे जानते हैं। ऐसे कई लोग होंगे जिन्हें मैं जानता हूं, लेकिन अगर कोई कुछ गलत करता है तो, क्या मुझे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? जांच होने दीजिए। जिसने भी गलत किया है, उसे दंडित किया जाएगा।"

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