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अंतरजातीय विवाह करवाने पर समुदाय से निकाले गए शख्‍स ने की आत्‍महत्‍या

पांच साल पहले दोस्‍त की अंतरजातीय विवाह कराने पर समुदाय से निकाले गए पुणे के एक व्‍यापारी को इतना मजबूर कर दिया गया कि उसने आत्‍महत्‍या कर ली।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 12:47 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 03:13 PM (IST)

मुंबई (मिड-डे)। पांच साल पहले दोस्त की अंतरजातीय विवाह कराने के काम को समुदाय द्वारा अपराधी बता पुणे के एक व्यापारी को उसके घर से तो निकाला ही समुदाय से भी निकाल दिया जिसेे वह कलंक की तरह ढोता रहा और अंतत: आत्महत्या कर ली।

अरुण किसन नैकुंजी के दोस्त धीरज अशोक पांगुडवाले को दूसरे समुदाय की लड़की से प्यार था। करीब पांच वर्ष पहले अरुण व उसके दोस्तों ने धीरज की शादी कराने में मदद की थी। दो साल पहले गवली समुदाय ने एक बैठक में अरुण, उसके भाई व दोस्त धीरज को समुदाय से बाहर निकाल दिया। अरुण गवली समुदाय से था।

इस निर्णय के बाद गवली अड्डा में अपने घर को छोड़ने पर अरुण मजबूर हो गया क्योंकि वहांं पूरा गवली समुदाय रहता है। इसके बाद उसने वडगांव शेरी में रहना शुरू किया। उसे समुदाय के इवेंट्स में भी शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। पर उससे समुदाय के बाहर होनेे का दर्द झेला नहीं जा रहा था। उसने रविवार को समुदाय प्रमुखों के सामने अपने अपराध को स्वीकारने के बाद उनसे समुदाय में वापस लेने की दरख्वास्त की। लेकिन पिछले डेढ़ साल से यह मुद्दा अधर में है।

अंतत: उनसे किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं पाने पर वह समाज के इस कलंक को बर्दाश्त करने में असमर्थ हो गया और सोमवार सुबह उसने खुद को खत्म कर लिया। पुलिस ने गवली समुदाय के खिलाफ आत्महत्या का मामला दर्ज किया है। फिलहाल यह केस चंदननगर पुलिस स्टेशन में है।

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