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ओडिशा में बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-चतुर्थ का परीक्षण

ओडिशा तट के नजदीक सोमवार को परमाणु सक्षम लंबी दूरी की सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-चतुर्थ परीक्षण किया गया। इससे पहले शनिवार को करीब 300 किमी रेंज वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था।

By Sachin kEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2015 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2015 11:11 AM (IST)

नई दिल्ली। ओडिशा तट के नजदीक सोमवार को परमाणु सक्षम लंबी दूरी की सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-चतुर्थ परीक्षण किया गया। इससे पहले शनिवार को करीब 300 किमी रेंज वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया था।

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रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, सुबह दस बजे भारतीय सेना ने भूमि पर 300 किमी की दूरी तक हमला करने में सक्षम ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की उच्च परिचालन क्षमता का परीक्षण करते हुए उसे राजस्थान में पोकरण परीक्षण रेंज में एक विशेष लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागा।

यह प्रायोगिक परीक्षण था जो एक मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर (एमएएल) से किया गया। उन्होंने बताया कि सेना के प्रशिक्षित अधिकारियों की ओर से किए गए इस परीक्षण ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। ब्रह्मोस एअरोस्पेस के प्रमुख सुधीर मिहरा ने बताया कि भारतीय सेना के पास सुस्पष्ट हमले के लिए ब्रह्मोस मिसाइल सर्वाधिक खतरनाक व प्रभावी शस्त्र प्रणाली है।

इसने शनिवार के सफल प्रक्षेपण में एक बार फिर अपनी कारगरता साबित की। सेना ने अपने शस्त्रों के बेड़े में ब्रह्मोस की तीन रेजीमेंटों को पहले ही शामिल कर रखा है। ये सभी मिसाइल ब्लॉक-3 संस्करण से सुसज्जित हैं जिनका इस साल आठ और नौ मई को परीक्षण किया गया था। सेना में ब्रह्मोस के भूमि हमला संस्करण का परिचालन 2007 से हो रहा है। फायर एंड फॉरगेट मिसाइल के पास ऊंचे और नीचे पथ पर उड़ान भरकर शत्रु की हवाई सुरक्षा प्रणालियों से बचते हुए सतह आधारित लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता है।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना में इस शक्तिशाली शस्त्र प्रणाली को शामिल किए जाने से सर्वाधिक कठिन व दुरूह इलाकों में भी शत्रु के लक्ष्य को निशाना बनाने की क्षमता हासिल हो गई है। इस मिसाइल की रेंज 290 किमी है। इसकी गति 2.8 मैक है। इसे भूमि, समुद्र, सब-सी और हवा से समुद्र व भूमि में लक्ष्यों पर दागा जा सकता है।

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