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भारत ने इजाद की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक

भारत अगले साल मध्य तक उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिसके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल हैं। पिछले साल सुखोई विमान-30 एमकेआई के साथ हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल की ताकत और दूरी का 9 बार सफल परिक्षण

By Test3 Test3Edited By: Published: Fri, 06 Nov 2015 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2015 03:15 PM (IST)
भारत ने इजाद की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक

नई दिल्ली। भारत अगले साल मध्य तक उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिसके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल हैं। पिछले साल सुखोई विमान-30 एमकेआई के साथ हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल की ताकत और दूरी का 9 बार सफल परिक्षण किया जा चुका है और अब अगले महीने इसकी इसके कंट्रोल का परिक्षण किया जाएगा। यदि यह परिक्षण भी सफल रहा तो भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस, और इजराइल जैसे देशों के साथ सूची में शामिल हो जाएगा जिनके पास हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक है।

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इससे पहले भारत के पास जमीन से जमीन पर मार करने वाली अग्नि-5 मिसाइल तकनीक थी लेकिन भारत करीब 10 साल से हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल तकनीक इजाद करने की कोशिश कर रहा था। भारत अभी तक रूस, फ्रांस और इजराइल की बीआरवी मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है, जिसकी कीमत बहुत ज्यादा है।
डीआरडीओ के प्रमुख डॉ एस क्रिस्टोफर ने कहा कि अस्त्र मिसाइल की सीमा 44 से 60 किलोमीटर के बीच है। क्रिस्टोफर के मुताबकि उन्हें यकीन है कि अगले साल दिसंबर तक इस मिसाइल की पुन:निरिक्षण रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
डॉ क्रिस्टोफर ने कहा कि अस्त्र मिसाइल प्रोजेक्ट 2004 में शुरू किया गया था लेकिन परिक्षण कई बार फेल होने की वजह से इसे तय समय सीमा में तैयार नहीं किया जा सका। पिछले साल मई में सुखोई-30 एमकेआई विमान के साथ इसका सफल परिक्षण किया गया और अब अगले साल मध्य तक ध्वनि से चार गुना तेज चलने इस मिसाइल का परिक्षण रेडियो तरंगों से जोड़कर किया जाएगा।
धरती से आकाश में मार करने वाली आकाश मिसालइल के बाद अस्त्र मिसाइल भारत में निर्मित सबसे आधुनिक मिसाइल है और इस मिसाइल को सबसे हलके लड़ाकू विमान तेजस के साथ जोड़ने की योजना है।


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