Move to Jagran APP

'जमानत नियम और जेल अपवाद है', पी. चिदंबरम ने बताया INDI गठबंधन की सरकार बनी तो कौन से कानून बदले-वापस लिए जाएंगे

पी. चिदंबरम ने कहा हर कोई जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता है। 65 प्रतिशत कैदियों का दोष साबित नहीं हुआ है। उनके मामलों की सुनवाई चल रही है। जब वे दोषी नहीं हैं तो वे जेल में क्यों हैं। 90 प्रतिशत विचाराधीन कैदी ओबीसी एससी एसटी वर्ग से हैं। इसलिए हम कानून बनाएंगे। जिसके अनुसार जमानत दिए जाने को नियम और जेल को अपवाद बनाया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Sun, 21 Apr 2024 08:57 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2024 08:57 PM (IST)
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा, "हर कोई जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता है।"

एएनआई, तिरुअनंतपुरम। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि अगर केंद्र में आईएनडीआईए की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित इस सिद्धांत को लागू करने के लिए कानून बनाया जाएगा कि 'जमानत नियम और जेल अपवाद' है। उन्होंने यह भी कहा कि आईएनडीआईए (I.N.D.I.A) की सरकार बनने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और तीन आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को रद्द कर दिया जाएगा।

loksabha election banner

चिदंबरम ने कहा, "हर कोई जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता है। 65 प्रतिशत कैदियों का दोष साबित नहीं हुआ है। उनके मामलों की सुनवाई चल रही है। जब वे दोषी नहीं हैं तो वे जेल में क्यों हैं। 90 प्रतिशत विचाराधीन कैदी ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग से हैं। इसलिए हम कानून बनाएंगे। जिसके अनुसार जमानत दिए जाने को नियम और जेल को अपवाद बनाया जाएगा। पुलिस या सीबीआई द्वारा 15 दिनों की पूछताछ के बाद सभी आरोपित को जमानत दिए जाने का प्रविधान होगा।"


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.