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असदुद्दीन ओवैसी ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने का किया विरोध

असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार से यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में उनका समर्थन करने की अपील की है।

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 12:52 PM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2017 01:11 PM (IST)
असदुद्दीन ओवैसी ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने का किया विरोध
असदुद्दीन ओवैसी ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाने का किया विरोध

नई दिल्ली, जेएनएन। आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार से अपील की है कि वह डोनाल्ड ट्रंप के यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में उनका समर्थन करें। उन्होंने यह भी मांग की है कि भारत इजराइल से हथियार खरीदना बंद कर दे और इजराइल के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दे।

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सांसद ओवैसी ने शुक्रवार देर रात एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू को जनवरी में भारत आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। बता दें कि इस बैठक में मौजूद लोग ट्रम्प के यरुशलम को इसराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस सभा में कहा गया कि ट्रंप की घोषणा सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करती है। बैठक में यह मांग की गई है कि ट्रम्प अपना निर्णय वापस ले। ओवैसी ने कहा कि भारत को फिलिस्तीनियों के समर्थन में स्पष्ट रूप से खड़ा होना चाहिए क्योंकि देश ने ऐतिहासिक दृष्टि से उनका समर्थन किया है।

हैदराबाद के सांसद ने अरब और मुस्लिमों देशों की चुप्पी की भी आलोचना की है। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की प्रशंसा करते हुए कहा की उन्होंने इजराइल के खिलाफ बोल्ड स्टैंड लिया है। इस सभा में मांग की गई कि इजराइल ने अरब की खाली सीमाओं पर कब्जा कर लिया है वह पीछे हटे। 

इस बैठक में ओवैसी ने यरुशलम और अल-अक्सा मस्जिद के महत्व को बताया। उन्होंने कहा मुसलमानों की दुनिया में इस पवित्र स्थान से आध्यात्मिक लगाव है, क्योंकि यह भविष्यक्ताओं की भूमि थी और यहीं से पैगंबर मोहम्मद ने स्वर्ग जाने की शुरुआत की थी। बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यूरोपीय संघ और विश्व के नेताओं से अनुरोध किया गया कि वे इजराइल द्वारा कब्जे में लिए गई भूमि को वापस लें। औवेसी ने कहा कि फिलीस्तीनियों के आंदोलन के प्रतिरोध का सम्मान किया जाना चाहिए। इजरायल को एक आतंकवादी देश घोषित किया जाना चाहिए।

औवेसी ने आगे कहा कि उम्माह को यरुशलम की सुरक्षा के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए। ओवैसी ने मुस्लिम देशों से अपील की कि वह इजराइल पर आर्थिक और व्यावसायिक प्रतिबंध लगाए एवं इजरायल के साथ अपने गुप्त राजनयिक संबंधों को खत्म करें। उन्होंने लोगों से विशेषकर मुसलमानों से अपील की कि लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध करें और अपनी चिंता जाहिर करें। इसके अलावा उन्होंने मुसलमानों से ये भी अपील की है कि वह अल-अक्सा मस्जिद की सुरक्षा के लिए और फिलिस्तीन में यरुशलम  की स्थिति के लिए दुआ करें।

यह भी पढ़ें: यरुशलम पर ट्रंप के फैसले से एक नहीं, दो नहीं पूरा अरब जगत होगा प्रभावित


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