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नई एफआइआर रद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अर्णब गोस्वामी, जानें क्‍या है पूरा मामला

मुंबई पुलिस द्वारा अपने खिलाफ लिखी गई नई एफआइआर को रद कराने के लिए रिपब्लिक भारत न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 09:20 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 02:26 AM (IST)
नई एफआइआर रद कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अर्णब गोस्वामी, जानें क्‍या है पूरा मामला

नई दिल्ली, प्रेट्र। मुंबई पुलिस द्वारा अपने खिलाफ लिखी गई नई एफआइआर को रद कराने के लिए रिपब्लिक भारत न्यूज चैनल के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से अपने परिवार व चैनल के कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान करने के साथ पुलिस को कोई नई एफआइआर दर्ज न करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। इस मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि अर्णब ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में दो मई को दर्ज कराई गई एफआइआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) पर आगे किसी तरह की जांच से मुंबई पुलिस को रोकने का आग्रह किया है। यह रिपोर्ट धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में दर्ज की गई है। अर्णब ने अपनी यह याचिका, महाराष्ट्र सरकार की सोमवार को दी गई याचिका के अगले दिन ही पेश की है।

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अर्णब गोस्वामी पर धौंस जमाने पर आरोप, महाराष्ट्र पुलिस पहुंची सुप्रीम कोर्ट

 उल्लेखनीय है महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुंबई के पुलिस उपायुक्त ने कोर्ट को बताया था कि अर्णब अपनी स्थिति का लाभ उठाते हुए पुलिस को धौंस में ले रहे हैं। वे अपने कार्यक्रमों के जरिए पुलिस को दबाव में लेने का प्रयास कर रहे हैं। पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में एक टीवी कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अर्णब ने टिप्पणी की थी। टीबी पर बहस करते अर्णब गोस्‍वामी ने पूछा था कि इस हत्याकांड पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस घटना पर चुप क्यों हैं। इससे नाराज कांग्रेसियों ने देश भर में सौ से ज्यादा एफआइआर दर्ज करा दी थीं। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी तीन हफ्ते की राहत 

सुप्रीम कोर्ट में यह मामला जाने पर 24 अप्रैल को कोर्ट ने तीन सप्ताह के लिए अर्णब को राहत दे दी थी। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि टीवी कार्यक्रम में बांद्रा की एक मस्जिद को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर अर्णब के खिलाफ 2 मई को नई एफआइआर दर्ज कराई गई है। अर्णब ने अपने एक कार्यक्रम में 14 अप्रैल को इस मस्जिद के बाहर हजारों लोगों के जमा होने पर सवाल उठाया था। उल्लेखनीय है इस भीड़ में ज्यादातर प्रवासी मजदूर थे जो अपने घर जाना चाहते थे। अर्णब के खिलाफ नई एफआइआर रजा एजूकेशन वेलफेयर सोसायटी के सचिव इरफान अबुबकर शेख ने दर्ज कराई है।

अर्णब गोस्‍वामी और उनकी पत्‍नी पर हमला  

ज्ञात हो कि 22 अप्रैल की रात अर्णब गोस्वामी अपनी पत्‍‌नी के साथ लोअर परेल स्थित स्टूडियो से घर लौट रहे थे, उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने उनकी कार के आगे आकर बाइक रोक दी और बंद खिड़की पर मुक्के से प्रहार करने लगे। युवकों ने कार पर स्याही भी फेंकी। तब तक अर्णब के पीछे दूसरी कार में चल रहे उनके अंगरक्षकों ने तुरंत आकर दोनों युवकों को पकड़ लिया और उन्हें एनएम जोशी मार्ग पुलिस को सौंप दिया गया। बाद में दोनों युवकों को कोर्ट से जमानत मिल गई। 

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